इरादों को तन्हा छोड़ देती हैं

ख्वाबों की हकीकतें रिश्ते तोड़ देती हैं! रश्मों की दीवारें राहें मोड़ देती हैं! ख्वाहिशें ज़माने की तरसाती हैं मगऱ, मुश्किलें इरादों को तन्हा छोड़ देती हैं!

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