मोदी विरोधी पोस्ट पर उत्पीड़न मामले की जांच शुरू

पणजी : गोवा सरकार के लोक शिकायत विभाग ने जहाज निर्माण के पेशे से जुड़े देवु छोडणकर की ओर से दर्ज की गई उत्पीड़न की शिकायत की जांच शुरू कर दी है। दरअसल, देवु ने फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के विरोध में पोस्ट डाले थे, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। यह मुद्दा बीते साल काफी चर्चा का विषय रहा था। मोदी उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे और पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री थे। 
गोवा पुलिस साइबर सेल ने मई 2014 में देवु को कथित रूप से फेसबुक पर मोदी और पर्रिकर विरोधी पोस्ट लिखकर क्षेत्र में अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी थी। देवु ने यह पोस्ट 2014 लोकसभा चुनाव के समय डाला था जिसमें लिखा था, "पर्रिकर सरकार की कुटिल नीतियों के माध्यम से यहां भी गुजरात जैसे नरसंहार के आसार बन रहे हैं।" विशाखापत्तनम में रहने वाले 32 वर्षीय गोवा निवासी देवु ने सांप्रदायिक एवं सामाजिक शांति को भंग करने के लिए उनकी गिरफ्तारी के पुलिस के प्रयास के बीच 21 मई, 2014 को शिकायत दर्ज कराई थी। 
लेकिन उनकी शिकायत पर जांच इस साल आठ अप्रैल को शुरू हुई है। गोवा सरकार के लोक शिकायत प्रभारी सचिव फ्रांसकिन्हा ओलिवीरा ने पुलिस महानिदेशक से आठ अप्रैल को हुई बातचीत में उन्हें देवु की शिकायत की जांच शुरू करने, याचिकाकर्ता की शिकायत दूर करने सहित तीन सप्ताह के अंदर मामले पर की गई कार्रवाई की जानकारी शिकायतकर्ता को देने के निर्देश दिए। देवु ने अपनी शिकायत में कहा है कि धर्मनिरपेक्ष लोगों को निशाना बनाने के लिए फासीवादी और सांप्रदायिक लोगों की ओर से झूठी प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई गई है। 
देवु के विवादित फेसबुक पोस्ट पर गोवा के कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष अतुल पुरी काने ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, हालांकि देवु ने अपने पोस्ट बाद में हटाकर मांफी भी मांगी थी। देवु के खिलाफ उस समय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने बीते मार्च महीने में रद्द कर दिया है। देवु के वकील जतिन नायक ने बताया कि गोवा सरकार के लोक शिकायत विभाग ने देर से ही सही लेकिन शिकायत की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, "यह साफ तौर पर देर से न्याय मिलने का मामला है।"

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