इंतज़ार कहीं अच्छा है

चिलमन में झाँकने से दीदार कहीं अच्छा है ऐसे मिलने से इंतज़ार कहीं अच्छा है दिन पर दिन बीत गए रात पर रात मगर ऐसी ज़न्नत से यह संसार कहीं अच्छा है

Related News