जम्मू एवं कश्मीर में ईद पर शांति और सौहाद्र्र बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवा चार दिनों तक बधित रहने के बाद सोमवार को फिर से बहाल कर दी गई। राज्य में उच्च न्यायालय द्वारा गोवंश वध के खिलाफ 1862 के कानून को फिर से लागू करने के बाद मुस्लिम समुदाय में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम मौलानाओं और अलगाववादियों का कहना है की यह मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारो मे हस्तक्षेप है। वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने मुसलमानों से अन्य समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने वाले कृत्य न करने का आग्रह किया। राज्य में चार दिन तक बंद रही इंटरनेट सेवा से सबसे ज्यादा आम जनता और व्यावसायिक समुदाय के लोग प्रभावित हुए। इंटरनेट सेवा बंद किए जाने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।गोवध पर प्रतिबंध के बाद ईद पर किसी भी तरह की अफवाह या परेशानी से बचने के लिए सरकार ने गुरुवार रात से इंटरनेट सेवाए बंद कर दी थी।