मंदिरों को नए साल के उत्सव से दूर रहने के निर्देश

पूरी दुनिया में एक जनवरी को तारीख बदलने के साथ आने वाले नए साल के स्वागत के लिए लोग तैयार हैं और तरह-तरह से जश्न की तैयारियां कर रहे हैं. भारत में तो नए साल को मंगलमय बनाने की कामना से हजारों लोग मंदिरों में जाते हैं और इसके लिए मंदिरों को सजाया भी जाता है. परंतु अब आंध्र प्रदेश सरकार इसे धर्म विरुद्ध बताकर रोक लगाने की तैयारी में है.

 

आंध्र प्रदेश में मंदिरों की देख-रेख करने वाले विभाग की कमिश्नर वाई.वी. अनुराधा ने मंदिरों के प्रशासन को एक सर्कुलर जारी कर पहली जनवरी को मंदिरों में नए साल के उत्सव से दूर रहने को कहा गया है. उन्होंने सर्क्युलर में मंदिर प्रबंधनों को निर्देश दिया है कि नए साल पर फूलों की सजावट और स्वागत बैनर पर पैसे खर्च नहीं किए जाएं क्योंकि 1 जनवरी हिन्दू संस्कृति और लोकाचार का हिस्सा नहीं है.

आंध्र प्रदेश सरकार के हिंदू धर्म परिरक्षणा ट्रस्ट के सचिव चिलकपती विजया ने कहा कि “विभागीय कमिश्नर के संज्ञान में यह बात आई है कि मंदिरों के प्रबंधक नए साल पर फूलों की सजावट और स्वागत बैनर पर लाखों रुपए खर्च कर देते हैं. भक्तों के दान के पैसों को नए साल के उत्सव पर खर्च करना उचित नहीं है और यह हिंदू परंपरा के अनुसार भी नहीं है.” उन्होंने कहा कि “ चैत्र महीने में मनाया जाना वाला उगादी ही नया साल होता है और उसे ही मनाया जाना चाहिए.”

 

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