INS विशाल होगा भारत का सबसे बड़ा युद्धपोत

नई दिल्ली : आईएनएस विशाल भारत का सबसे बड़ा युद्द पोत होगा और आशा है कि इस युद्धपोत को परमाणु ऊर्जा से लैस किया जाएगा. भारत में इस तरह से बना ये दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर होगा. ‘आईएनएस विशाल’ का वजन 65000 टन और इसमें 50 एयरक्राफ्ट के खड़े होने के लिए प्रयाप्त स्थान होगा.

यह जलपोत परमाणु शक्ति से सम्पन्न माना जा रहा है. नौसेना के लिए आगामी पीढ़ी का स्वदेशी विमान वाहक जलपोत बनाने के लिए सरकार ने चार निजी कंपनियों के साथ ही नौ शिपयार्ड के नाम का चयन किया गया है. जलपोत के निर्माण के लिए इन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद नाम का चयन किया जाएगा.

रक्षा सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नौसेना मुख्यालय ने इन शिपयार्डों को पत्र लिखकर इस परियोजना में भाग लेने की मंशा जाहिर की है. यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत बड़ी लागत वाली परियोजना होगी. उन्हें जवाब देने के लिए 21 जुलाई की समय सीमा निश्चित की है.

छांटे गये चार निजी क्षेत्र के शिपयार्ड में एलएंडटी, पीपावाव, एबीजी और भारती समिल्लित हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्डों में मझगांव डॉक शिपयार्ड, गार्डन रीच शिपबिल्डर एंड इंजीनियर, हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड है.

प्रस्तावित 65,000 टन का विमानवाहक जलपोत भारत का सबसे बड़ा और सबसे लंबा वाहक होगा. यह 50 से ज्यादा विमानों को साथ लेकर चलने की क्षमता रखता है. पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत 40,000 टन का आईएनएस विक्रांत कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित किया जा रहा है  जो 30 विमान एक साथ लेकर चलने की क्षमता रखता है.

शिपयार्डों को भेजे गए पत्र के अनुसार जंगी जहाज परमाणु ऊर्जा से संचालित या डीजल और गैस टरबाइन वाले परंपरागत हो सकते है. 45,000 टन का आईएनएस विक्रमादित्य रूस से लिया गया है जिसकी क्षमता 34 विमानों की है.

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