भ्रष्टाचार जांच को मोदी सरकार ने दी गति, 6 महीने के भीतर जेल जाएंगे भ्रष्ट अधिकारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार को लेकर नकेल कसना प्रारंभ कर दिया है। इस दौरान जांच पूर्ण करने के लिए लगभग 6 माह का समय तय किया गया है। इस हेतु वे नियम तक बदल दिए गए हैं जो कि 50 वर्ष पुराने थे। मिली जानकारी के अनुसार आईएएस, आईपीएस व आईएफएस कैडर के अधिकारियों को छोड़कर अन्य कर्मचारियों पर नए नियम कारगर होंगे। नियम के अनुसार अधिकारियों पर चल रही जांच कार्रवाई को पूर्ण करने के लिए 6 माह का समय दिया जाएगा।

भ्रष्टाचार के मसले की जांच में तेजी आने की पूरी संभावना है। दरअसल कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग द्वारा केंद्रीय लोक सेवाऐं नियम, 1965 मेें बदलाव हुआ है। अधिकारी इसके लिए मंथन करने में लगे थे। जिसके बाद इसमें परिवर्तन किए गए। हालांकि जो आंकड़े मिले हैं उनमें यह जानकारी मिली है कि भ्रष्टाचार के मामलों मेें कुछ कमी आई है।

संसद में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में 2016 मेें 49847 शिकायत मिली थी। दूसरी ओर वर्ष 2015 में 29838 शिकायत प्राप्त हुई थी। यही नहीं वर्ष 2016 में जो शिकायतें सरकारी विभागों के विरूद्ध मिली थी उनमें 67 में बढ़ोतरी हुई थी। मगर अब सरकार ने इस मामले में यह तय किया है कि अधिकारियों पर नए नियमों के अनुसार कार्रवाई होगी। जिससे भ्रष्टाचार के मामलों में असरकारक कार्रवाई की जा सके।

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