क्या लिखू खत में आज समय का तकाजा है दर्द दिल का अभी ताजा है गिर पड़ते है आसु मेरे ही नैनों के काजल पर लगता है शायद कलम में स्याही कम बेवफाई ज्यादा है जिंदगी में किसी भी मोड़ पर साथ अगर दोगे तो हमेशा मुस्कुराएंगे प्यार अगर सच्चा किया तो शिद्द्त से निभाएंगे मंजिल पर कितने भी काटे क्यों न हो आवाज प्यार से दोगे तो आयेगे जरूर.