भारत की पहली मारुति 800 कार की हो सकती है नीलामी

नई दिल्ली : देश की पहली मारुति 800 कार की हालत अब खस्ता हो गई है। 2010 में इस कार के मालिक बने हरपाल सिंह का निधन हो चुका है। 2012 में हरपाल की पत्नी गुलशनबीर कौर भी दुनिया से चली गई। अब DIA 6479 रजिस्ट्रेशन नंबर वाली 1983 मॉडल की यह कार दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित हरपाल सिंह के घर में बंद पड़ी है। 
हरपाल सिंह की दो बेटियां है जो अपने-अपने पतियों के साथ दक्षिण दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रहती हैं। दोनों बेटियां अपने पिता की कार की देखभाल नहीं कर पा रही हैं। आखिरी बार यह कार करीब डेढ़ साल पहले चलाई गई थी। हरपाल सिंह के पहले दामाद टीएस आहलूवालिया का कहना है कि वे अब अपने ससुर की मारुति को बेचना चाहते है। 
उन पर इसे रखने का भी दबाव है। हालांकि, उन्होंने माना कि इसकी मेन्टेनेंस पर मोटा खर्चा आ जाता है। शायद यही वजह है कि हरपाल सिंह का परिवार इसे कार को बेचना चाहता है। हरपाल सिंह के रिश्तेदारों की ओर से कार को बेचने की इच्छा जताए जाने के बाद दिल्ली की मशहूर रियल एस्टेट कंपनी आईएलडी समूह के चेयरमैन अलीमउद्दीन रफी अहमद से लेकर सांसद डेरिक ओ ब्रायन ने इसे लेने की इच्छा जताई है। 
अलीमउद्दीन रफी अहमद के एक प्रवक्ता ने कहा कि देश की पहली मारुति को अपने गैरेज में रखना या उसे कभी-कभार चलाना अपने आप में गौरव की बात है। मारुति के ईस्ट दिल्ली शो-रूम के मालिक राजेन्द्र बग्गा भी इसे खरीदना चाहते हैं। मारुति उद्योग लिमिटेड भी लेने में दिलचस्पी दिखा रहा है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि परिवार से जल्द संपर्क किया जाएगा। 
ऑटो सेक्टर के जानकार सुनील सौरभ ने कहा कि देश में ऑटो क्रांति लाने का श्रेय मारुति-800 को जाता है। बेहतर होगा कि पहली मारुति को किसी संग्रहालय में रखा जाए। देश की पहली मारुति-800 कार की चाबी 1983 में हरपाल सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक कार्यक्रम में सौंपी थीं।

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