फोटोशॉप की मदद से किया एवरेस्ट फतह का दावा

काठमांडू. एवरेस्ट को फतह करना बहुतों का ख्वाब होता है, पर उसे पूरा कुछ ही लोग कर पाते हैं. एवरेस्ट फतह करने को लेकर तरह तरह के रिकॉर्ड भी बनते हैं. ऐसा ही रेकॉर्ड का दावा पिछले साल मई मे हुआ था, जहां एक दंपति ने दावा किया था कि वह पहली जोड़ी है जिन्होने एवरेस्ट फतह किया. पर बाद मे पता लगा कि इन्होने फोटोशॉप की मदद से यह कारनामा किया.

कुछ पर्वतारोहियों के संगठनों ने उन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि दंपति ने फोटोशॉप सॉफ्टवेयर से एवरेस्ट पर खुद की तस्‍वीरें तैयार की हैं. मामला सामने आने पर महाराष्ट्र पुलिस की तथ्य अन्वेषी समिति ने अपनी जांच में पाया पाया कि दंपति के दावे भ्रामक और फर्जी हैं और उन्होंने अपनी एवरेस्ट चढ़ाई के बारे में जो जानकारी दी थी वह गलत थी. इसके बाद  पिछले साल अगस्त में पुलिस कांस्टेबल दंपति दिनेश और तारकेश्वरी राठौर को पुणे पुलिस ने बर्खास्त कर दिया था. 

यही नहीं, फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर नेपाल सरकार ने भी दिनेश और तारकेश्वरी के पर्वतारोहण पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध को लेकर भारतीय दंपति द्वारा उनके शिखर सर्टिफिकेट को फिर से जारी करने के लिए आवेदन दिया गया है. आवेदन मिलने के बाद इस मामले में नेपाल द्वारा फिर से जांच शुरू की गई है.

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