तंबाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी का आकार बढ़ाने के पक्ष में है IMA

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का आकार बढ़ाए आने के पक्ष हैं। दोनों संस्थाओं द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में दो महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। पहला यह कि युवाओं में तंबाकू सेवन से जुड़ा डर यह है कि इससे यौन क्षमता में कमी आती है और तंबाकू के सेवन से महिलाओं के चेहरे पर झुर्रियां जल्दी आ सकती हैं।

दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. ए. मरतड पिल्लई और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि आईएमए तंबाकू उत्पादों पर चित्र चेतावानियों का आकार बढ़ाने के पक्ष में है, ताकि यह चेतावनियां उत्पाद के सामने वाले हिस्से को 60 से 80 प्रतिशत तक ढक लें। आईएमए का कहना है कि कैंसर की चेतावनी के साथ ही तेजी से बढ़ने वाली उम्र और पौरुष यौन क्षमता में कमी की चित्र चेतावनियां भी शामिल होनी चाहिए।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि वह पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा तंबाकू उत्पादों पर बढ़ाए गए टैक्सों और उनके प्रयोग पर प्रोविजिन ऑफ पॉयजन एक्ट 1919 और उनके विक्रय नियम 2015 के तहत लगाए गए प्रतिबंध का हम समर्थन करते हैं। इन तीनों प्रदेशों ने निकोटीन को पॉयजन की श्रेणी में रखा है। आईएमए चाहता है कि अन्य प्रदेशों और केंद्र शासित राज्यों में भी इसे लागू किया जाए।

आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रतिबंध लगाने की मांग की है। आईएमए जनरल प्रैक्टिशनरों को भी तंबाकू छुड़वाने के बारे में ट्रेनिंग देगी, ताकि इच्छुक लोगों को तंबाकु छोड़ने की सुविधाएं उपलब्ध हों। आईएमए ने पहले ही अपने ढाई लाख सदस्यों को कहा है कि अपने पास आने वाले हर मरीज से पूछें कि क्या वह धूम्रपान करते हैं और अगर वह करते हैं तो इसे छोड़ने के लिए उन्हें मदद की पेशकश करें।

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