देश में सोने की शुद्धता पर उठ रहे सवाल

वर्ल्ड गोल्ड कॉउंसिल की गुरुवार को जारी हुई रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि भारत की हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी की शुद्धता अब भरोसेमंद नहीं हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया हैं कीं कई देशो में यहाँ की ज्वेलरी पसंद नहीं की जाती हैं क्यूकि यहाँ के हॉलमार्क ज्वेलरी की शुद्धता ग्लोबल स्टैंडर्ड की नहीं हैं. भारत में 30% से भी कम ज्वेलरी हॉलमार्क की है जो की शुद्ध नहीं हैं. हॉलमार्ट सेंटर कि कमी के कारण भी भारतीय मानक इसे नहीं अपनाते हैं. गांवों में अभी तक बिना हॉलमार्क कि ज्वेलरी ही मिलती है क्युंकि इसके बारे में वह बहुत कम लोग ही जानते हैं.

देश में हॉलमार्क के सेंटर्स काफी कम है जिसकी वजह से भी लोगो को इसके सही मूल्य का पता नहीं हैं. देश में करीब 316 हॉलमार्क सेंटर्स हैं. तमिलनाडु में 58, राजस्थान में 11 और मध्यप्रदेश में सिर्फ 4 ही सेंटर्स. सबसे ज्यादा सेंटर्स साउथ इंडिया (153) में. नॉर्थ इंडिया में 111 और वेस्ट इंडिया में सिर्फ 65 हैं. वही दूसरी और जीजेईपीसी के पूर्व चेयरमैन राजीव जैन का कहना है कि भारत में बने सोने के गहने और बर्तनो पर हो रही हॉलमार्किंग पर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता हैं. जिसकी वजह से बाहर के खरीददार भी इसे नहीं मानते हैं.

WGC कि रिपोर्ट के अनुसार यही भारत में सोने कि क्वालिटी पर ध्यान दिया जाये तो 2020 तक इसका निर्यात 5 गुना तक बढ़ सकता हैं, भारत कि दुकानो पर हॉलमार्क और बिना हॉलमार्क दोनों तरह का सोना मिलता हैं. फ़िलहाल ग्लोबल बाजार में भारत का कंट्रीब्यूशन सिर्फ 8 फीसदी ही हैं. WGC का कहना है कि विदेशी बाजारों में भारत के कलात्मक गहने काफी पसंद किये जाते हैं पर गहनों में सोने की शुद्धता को लेकर संदेह कलात्मक गहनों के बिजनेस पर भी बुरा प्रभाव डाल रहे हैं.

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