नई दिल्ली : गुजरात में जल्द ही 6 न्यूक्लियर रिएक्टर लगाए जाएंगे। इसके लिए भारत अमेरिका की वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी से गुजरात में रिएक्टर लगाने के लिए डील पर बात की जा रही है। भारत और अमेरिका के बीच 2008 में सिविल न्यूक्लियर डील हुई थी, जिसके बाद ही रिएक्टर लगाए जा रहे है। इस डील में 150 बिलियन डॉलर खर्च की जा रही है। भारत में कुल 60 रिएक्टर लगेंगे। जिसका टारगेट 2030 तक 63.000 मेगावाट करने का लक्ष्य है। फिलहाल भारत में 5780 मेगावॉट न्यूक्लियर एनर्जी प्रोड्यूस होता है। इसके लगने के बाद भारत चीन के बाद न्यूक्लियर मार्केट में दूसरे नंबर पर आ जाएगा। इस रिएक्टर का मकसद क्लाइमेट चेंज से निपटना और कोयले की खपत को कम करना है। बता दें कि वेस्टिंग हाउस की पेरेंट्स कंपनी तोशिबा है। वेस्टिंगहाउस ने कहा है कि न्यूक्लियर डैमेज कम्पनसेशन के बारे में फ्रेमवर्क बनाने पर बातचीत चल रही है। डील के बारे में जैसे ही खबरें लीक हुईं, वैसे ही तोशिबा के शेयरों में 3.3 प्रतिशत की उछाल आ गई। हालांकि, तोशिबा ने अपनी तरफ से डील पर कुछ नहीं कहा है। कहा जा रहा है कि इस डील के बाद जनरल इलेक्ट्रिकल कंपनी पर दबाव बढ़ जाएगा। 6 साल पहले यह कांट्रैक्ट जनरल इलेक्ट्रिकल और हिताची को दिया जाना था। हिताची का कहना है कि वो अब भी भारत में न्यूक्लियर रिएक्टर लगा सकते है, पर उससे पहले कंपनसेशन का मसला सुलझाना होगा। इस हफ्ते भारत और रूस के बीच आंध्र प्रदेश में छह न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने पर भी डील हो सकती है। रूस तमिलनाडु में भी इतने ही रिएक्टर लगाने की डील कर सकता है।