पेमेंट बैंक से ग्रामीण क्षेत्रो को मिलेगा नया मुकाम

भारत सरकार के द्वारा देश में 11 नए पेमेंट बैंक खोले जाने का फैसला किया गया है. और इस मामले में विश्व बैंक ने भी विश्वास दिखाते हुए यह कहा है कि इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रो में भी बैंकिंग सर्विसेज को एक नया मुकाम हासिल होगा. इसके माध्यम से बैंकों की सुविधाएँ सभी गांवों में पहुंचेगी. इस मामले में ही जारी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पेमेंट बैंक खोले जाने की सैद्धांतिक मंजूरी रिज़र्व बैंक के द्वारा ही दी गई है. मामले में ही यह भी कहा जा रहा है कि बैंकिंग सर्विसेज से वंचित क्षेत्रो को भी पेमेंट बैंक खुलने से कई सेवाएं मिलना शुरू हो जाएगी.

साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इससे रूरल रेमिटेंस मार्केट का ट्रांसफार्मेशन भी हो सकेगा. इसके साथ ही विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि इन पेमेंट बैंकों को शुरू किये जाने में अभी कुछ बाध्यता भी सामने आ रही है. लेकिन इसके लिए हम ऐसे नियम बनाने के बारे में विचार कर रहे है जिनके तहत रिस्क भी कम होना है और साथ ही बिज़नेस ने सावधानी की शर्ते भी हल्की होंगी. साथ ही यह भी सामने आया है कि इसमें जहाँ एक तरफ क्रेडिट रिस्क की सीमा है वहीँ दूसरी तरफ डिपॉज़िट राशि का 75 प्रतिशत सरकारी बांड के लिए रखा जाना है.

वहीं यह भी सामने आया है कि पेमेंट बैंक के द्वारा लोन, क्रेडिट कार्ड और नॉन रेजिडेंट इंडियन डिपॉजिट जैसी सर्विसेज का लाभ नहीं लिया जा सकेगा. इसके तहत मिनिमम पेड़-अप राशि करीब 1.5 करोड़ डॉलर रखी गई है, जबकि साथ ही यह बात भी सामने आई है कि यूनिवर्सल बैंक के लिए राशि की न्यूनतम सीमा इस राशि की 5 गुना रखी गई है.

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