ओलंपिक के लिए दावेदारी नहीं करेगा भारत

भारत 2024 में होने वाले ओलम्पिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश नहीं करेगा। अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) प्रमुख थॉमस बाक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को हुई बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया। इससे पहले कहा जा रहा था कि भारत ओलम्पिक की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा और अहमदाबाद मुख्य मेजबान शहर होगा। इस सम्बंध में हालांकि भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) या फिर खेल मंत्रालय से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।

ऐसा कहा जा रहा था कि बाक और मोदी की मुलाकात के बाद ही इस बारे में कुछ स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा। बाक रविवार को ही भारत पहुंचे थे। शाम को मोदी से मिलने से पहले वह आईओए अधिकारियों से मिले। आईओए अधिकारियों और मोदी से मुलाकात के दौरान बाक ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इसमें मेजबानी की दावेदारी और ओलम्पिक में शामिल खेलों के विकास लिए भारत को और अधिक धन देने से जुड़ा मुद्दा प्रमुख है। 2020 ओलम्पिक जापान में होना है और 1960 के बाद से ओलम्पिक खेल लगातार एक ही महाद्वीप में नहीं हुए हैं लेकिन इसके बावजूद भारत द्वारा ओलम्पिक खेलों की मेजबानी की दावेदारी की बात सामने आ रही थी।

खेल सचिव (भारत सरकार) अजित शरण इसकी पुष्टि की थी। आईओए प्रमुख नारायण रामचंद्रन और शरण इस साल स्विट्जरलैंड के लुसाने स्थित आईओसी के मुख्यालय गए थे और वहां आईओसी प्रमुख से मुलाकात की थी। बाक के भारत दौरे को लेकर आईओए प्रमुख ने राज्य ओलम्पिक संघों के नाम जो पत्र जारी किया था, उसमें भारत द्वारा ओलम्पिक की मेजबानी की दावेदारी किए जाने का कोई जिक्र नहीं था। इस सत्र में इतना इतना जरूर कहा गया था कि बाक 27 अप्रैल को जब भारत आएंगे तब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर भारत में ओलम्पिक स्पर्धाओं के विकास को लेकर चर्चा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि ओलम्पिक चार्टर में कहीं भी ऐसा नहीं लिखा है कि ओलम्पिक के दो संस्करण लगातार एक ही महाद्वीप में नहीं हो सकते लेकिन आईओसी 1960 के रोम ओलम्पिक के बाद से लगातार यह सुनिश्चित करता आया है कि इन खेलों का आयोजन अलग-अलग महाद्वीपों में हो। 1960 से पहले हालांकि कई बार ओलम्पिक के लगातार संस्करण यूरोप में हुए हैं।

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