मोदी के रुस दौरे पर हो सकता है कुडनकुलम पर समझौता

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को अपने दो दिवसीय यात्रा के लिए रुस जा रहे है। इस दौरान आशंका जताई जा रही है कि रुस यात्रा के दौरान पीएम परमाणु उर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और रूस कुडनकुलम की पांचवीं और छठी इकाइयों के समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। मोदी के रुस दौरे से पहले ही कई बातों पर रक्षा मंत्री की अगुवाई में सहमति बन चुकी है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार विभिन्न राज्यों में स्थित परमाणु स्थलों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किए जाने की भी योजना बना रही है। इससे देश की बढ़ती ऊर्जा संबंधी जरुरतों को पूरा किया जा सके। जरुरत पड़ी तो और परमाणु रिएक्टर भी लगाए जा सकते है। मोदी रुसी पीएम ब्लादिमीर पुतिन के साथ मॉस्कों में होने वाले एक सलाना शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे है।

यात्रा से पहले ही परमाणु ऊर्जा विभाग के समकक्षों के बीच बातचीत हो चुकी है। 7-8 दिसंबर को रोसातोम के उप प्रमुख कार्यपालक अधिकारी निकोलाई स्पास्की भारत आए थे। इस दौरान उन्होने कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवी और छठी इकाइयों को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर की संभावना के संबंध में डीएई के सचिव शेखर बसु से बातचीत की थी।

कहा जा रहा है कि यूनिट पांच और छह उतने ही मेगावाट के होंगे जितने एक से चार तक के यूनिट हैं। हालांकि परियोजना की लागत के ब्योरे को अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। सरकार इस बात पर जोर दे सकती है कि राज्यों के पास एक स्थल पर एक से ज्यादा रिएक्टर होने चाहिए। यह फैसला परमाणु स्थल निर्माण के लिए उपलब्ध कराई गई जमीनों के सीमित होने के कारण की गई है।

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