भारत की NSG में सदस्यता पर सियोल में होगा फैसला

नई दिल्ली : परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के मामले में वियाना में वार्ता विफल होने के बाद अब भारत की अर्जी पर उत्तर कोरिया की राजधानी सियोल में विचार किया जाएगा। इस माह के अंत में सियोल में होने वाले एनएसजी के पूर्ण अधिवेशन में इस पर विचार किया जाएगा।

वियाना में हुई दो दिवसीय बैठक में किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका। 44 सदस्य देशों में से कई देशों समेत अमेरिका भारत के पक्ष में है। इसके विरोध में चीन ने दलील दी है कि एनएसजी को नए आवेदकों के लिए शर्तों में ढील नहीं देनी चाहिए। एऩएसजी संवेदनशील परमाणु प्रौद्दोगिकी तक पहुंच को आसान बनाता है।

इससे पहले तक कई देश भारत का इस आधार पर विरोध कर रहे थे कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर भारत की ओर से दस्तखत नहीं किया गया है। लेकिन अब इनमें से कई देशों ने नरमी दिखाई है, लेकिन चीन अब भी अपने रुख पर कायम है।

वियाना में भी चीन ने सीधे तौर पर अड़ंगा न लगाते हुए एनपीटी के जरिए अड़ंगा डाला है। एनएसजी आम राय के आधार पर काम करती है और भारत के खिलाफ किसी एक देश का वोट भी उसकी दावेदारी में रोड़े अटका सकता है।

48 देशों के समूह एनएसजी में चीन के अलावा न्यूजीलैंड, आयरलैंड, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रिया भी भारत की दावेदारी के विरोध में हैं। सियोल में 24 जून को एनएसजी का पूर्ण अधिवेशन होने वाला है।

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