भारत और चीन साथ आए तो पेरिस शिखर सम्मेलन सफल होगा

पेरिस : पेरिस में चल रहे शिखर सम्मेलन में अमेरिका ने कहा है कि पेरिस शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए भारत और चीन के बीच दोस्ताना संबंध जरुरी है। अमेरिका ने कहा है कि दुनिया एक महत्वाकांक्षी समझौते पर काम कर सकती है जिससे भारत जैसे देशों में जलवायु और विकास दोनों की चुनौतियां पूरी हो सकें। बता दें कि इससे पहले जलवायु परिवर्तन के मसले पर बात करते हुए कहा गया था कि बीजिंग और दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदुषित शहर है। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा कि हम महत्वाकांक्षी जलवायु समझौतों पर काम कर सकते हैं और साथ ही भारत अपनी महत्वाकांक्षी विकास योजना को भी लागू कर सकता है।

वास्तव में हम इस तरह के समाधानों पर काम कर सकते हैं जिनसे जलवायु और विकास दोनों चुनौतियां पूरी हो सकें। पेरिस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत के बाद बेन एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

बेन ने कहा कि मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और सतत् आर्थिक विकास जिससे लोग गरीबी से ऊपर उठें, को लेकर काम किया और यह प्रतिस्पर्धी लक्ष्य नहीं हैं। वास्तव में इन्हें एक दूसरे से जोड़ा जा सकता है। ओबामा के सहयोगी माने जाने वाले बेन ने कहा कि अमेरिकी नेतृत्व अपने परंपरागत सहयोगियों के साथ काम कर रहा है, लेकिन चीन और भारत के साथ भी काम कर रहा है ताकि पेरिस में एक अच्छा समझौता हो सके।

पेरिस में चल रहे सम्मिट में 2800 पुलिस कर्मी व सैनिक को तैनात किया गया है। पूरे शहर में 6 हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। पिछले महीने हुए हमले को देखते हुए सुरक्षा के ये इंतजाम किए गए है।

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