दिखाई देती है भारत के कोने-कोने में एकता और सादगी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वाधीनता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से दूसरी बार तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्होंने उपस्थितों को संबोधित किया कि यह कोई आम सुबह नहीं है, यह 125 करोड़ भारतीयों के सपनों की आशा और आकांक्षाओं की सुबह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहा गया कि भारत के प्रत्येक कोने में एकता और भारतीयता  में सादगी दिखाई देती है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह देश की शक्ति है। देश स्वतंत्रता दिवस की 69 वीं सालगिरह मना रहा है। इस मौके पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि भारत की एकता प्रभावित होती है तो उसका असर भारत के सपनों पर पड़ सकता है।

देशवासियों में सादगी और भारत के हर कोेने में एकता ही एक बड़ी ताकत है। 69 वें स्वाधीता दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष में जीवन का बलिदान देने वाले महान स्वाधीता सेनानियों के प्रति सम्मान जताया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान उन्होंने कई मसलों पर उपस्थितों को संबोधित किया। आज का स्वाधीनता दिवस देश के लिए मर मिटने वाले जांबाज जवानों के लिए बहुत ही अहम रहा। लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में वन रेंक वन पेंशन पर भी चर्चा की। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लगभग 2 घंटे तक भारतीय गणतंत्र की प्रजा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश में होने वाले विकास, विभिन्न योजनाओं और अन्य पहलूओं को छुआ। उन्होंने अपने भाषण में कुछ इस तरह के संवाद कहे कि लोग देर तक बंधे बैठे रहे। 

स्टार्ट अप इंडिया स्टेंड अप इंडिया 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्ट अप इंडिया स्टेंड अप इंडिया। पिछले दिनों देश के अनेक गणमान्य नागरिकों ने अनेक युवकों ने साहित्यकारों, समाजसेवियों ने, बेटा- बेटी सभी ने भारत का सिर ऊंचा करने का कार्य किया है। कई ऐसे लोग हैं जिन्हें लाल किले की प्राचीर से दिली शुभकामनाऐं हैं। भारत की विशालता, विविधता के गणमान पूरी दुनिया के सामने हो चुके हैं। भारत कई विविधताओं, विशालताओं और विशेषताओं वाला देश है। भारत के जन में बहुत ही सरलता है। यह हमारी पूंजी है एक राष्ट्रीय शक्ति है। देश की शक्ति सदियों से इसे संजोया गया है। इस युग में निखार दिए जाने का प्रयास हुआ है। सरलता, भाईचारा, सद्भाव एक बड़ी पूंजी है। इस पूंजी को दाग नहीं लग जाना चाहिए। यदि देश की एकता बिखर जाती है तो सपने भी चूर - चूर हो जाते हैं. जातिवाद के कारण जुनून पनपने नहीं देता है और संप्रदायवाद भी इसे प्रभावित करता है। 

बन गई है टीम इंडिया  देश टीम इंडिया की तरह आगे बढ़ रहा है। सवा सौ करोड़ देशवासियों की एक टीम बनकर सभी विकास में लगे हुए हैं। ये राष्ट्र को बढ़ाते हैं और राष्ट्र को बचाते भी हैं। सवा सौ करोड़ की टीम इंडिया के कारण हम एक निश्चित जगह पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। हम टीम इंडिया के आभारी हैं। लोकतंत्र में जनभागीदारी सबसे बड़ी पूंजी है। देश को सवा सौ करोड़ देशवासियों की भागीदारी से चलाऐंगे यही नहीं देश हर पल सवा सौ करोड़ कदम से आगे चलेगा। टीम इंडिया के रूप को बल दिया गया। 

17 करोड़ ने खोले जनधन के खाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जनधन योजना की सफलता पर खुशी जताई उन्होंने कहा कि समय सीमा में कार्य पूरा किया गया। मेरे देशवासियों मैं गर्व से कहता हूं कि इस दौरान करीब 17 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया। गरीबों को अवसर देने के लिए जीरो बैलेंस से खाते खोले गए। देश के अमीरों मगर इस बार तो गरीबों की अमीरी को देखा गया। विकास नापने की पट्टी यही रही कि बैंक की ब्रांच खुलने पर जय - जय होती जाती है। महज शाखा खोलना ही मुश्किल काम नहीं है। सरकारी तिजोरी से काम हो जाता है। 

श्रमिकों का सम्मान राष्ट्रीय कर्तव्य  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रमिकों और गरीबों का सम्मान राष्ट्रीय कर्तव्य और स्वभाव है। योजनाऐं हर सरकार बनाती है मगर हमने कार्य संस्कृति की कसौटी को तैयार किया। टीम इंडिया की सबसे बड़ी विशेषता घोषित कार्यक्रमों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना है। देश की शक्ति को सदियों से संजोया गया। जन भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी संपत्ति है। 

सशक्त बने किसान किसानों के लिए मुआवजा दिया गया। नीम कोटिंग से यूरिया की चोरी रोकी गई। किसानों को जितना यूरिया चाहिए वह दिया जाएगा। किसान कल्याण की नई योजना बनाई जा सकती है। 10 वर्ष इंतजार नहीं किया जा सकता। यही नहीं सवा सौ करोड़ की टीम इंडिया है। गैस सप्लाई और यूरिया की नई नीति तैयार की गई। हालांकि 18500 गांव में बिजली नहीं है हमें पुराना तरीका बदलना होगा। किसानों को स्थायी हल मिलेगा, समस्या का आदिवासी कल्याण के लिए 6000 करोड़ वार्षिक बजट है। बैंक के शाखा अधिकारी दलित और आदिवासी को स्टार्ट अप के लिए लोन दें। 

वन रैंक वन पेंशन की बात  वन रैंक वन पेंशन हर सरकार के सामने आया और सरकारों ने वादे भी किए मगर हल नहीं मिला। हमने 1 रेंक 1 पेंशन सिद्धान्त रूप मे स्वीकार किया है मगर इसको लागू कैसे किया जाये इस पर काम कर रहे है । 6 लाख गाँव संकल्प करे की 2022 तक एक संकल्प लेकर आगे बड़े तो देश चमक उठेगा। मोदी ने छोटी नौकरियों के इंटरव्यू भी बंद करने की कंपनियों से अपील की।

Related News