स्वतंत्रता - एक जज़्बा, एक विश्वास

हमारा देश, भारत देश और हमारे भारत देश से जुड़ी हुई ये “आज़ादी”। ये आज़ादी मिली है हमे उस एक अरसे, एक उम्मीद से भी लंबी गुलामी के बाद, जिसे शायद आज हम हमारी सोच का एक हिस्सा भी नहीं बना सकते है। शायद कही, ये आज़ादी हमारे लिए इतना ज्यादा महत्व ना भी रखती हो क्योकि जब इस धरती पर हमने पहली सांस ली थी उस वक़्त हमारा भारत देश आज़ाद हो चुका था और हमारी पहली सांस के लेकर आजतक हमे कभी उस गुलामी का अहसास भी नहीं हुआ। लेकिन हाँ यदि इसी आज़ादी की कीमत उन व्यक्तियों से पुछी जाए जो इसे पाने के लिए अपनी जान तक की आहुती देने से पीछे नहीं हटे तो उनकी आँखों की चमक, उनके चेहरे का तेज हमे ये आभास जरूर करवा देगा कि हमने कितने लंबे संघर्ष के बाद क्या अनमोल तोहफा पाया है ?

हमेशा से यह सुना है कि आज हम जिस खुली हवा मे सांस ले रहे है ये कई हिंदुस्तानियों के संघर्ष, रक्त और बलिदान से हमे प्राप्त हुई है। इस हवा मे ना केवल आज़ादी की महक है बल्कि इस हवा मे तेज है उन इंकलाबियों का, रक्त है उन बलिदानियों का जो आज़ादी कि ओर अग्रसर होकर, अंधे होकर बस बढ़े जा रहे थे जिन्हे बस एक चाहत थी कि हमे आज़ादी चाहिए बस आज़ादी चाहिए और इसके साथ ही वे लगातार संघर्ष करते रहे और एक ऐसा समय आया जब उनकी रोती आंखों मे खुशी की एक लहर सी दौड़ गई...।

जी हाँ वो दिन था 15 अगस्त 1947 का जब भारत को आज़ादी नसीब हुई। आज भारत को आज़ाद हुए 67 साल होने आए है और इस बढ़ते हुए समय के साथ ही लोगों के मन मे भारत का सम्मान भी बढ़ता ही जा रहा है। वैसे तो यदि देखा जाए तो “आज़ादी, स्वतन्त्रता, फ्रीडम या कहलों तो मुक्ति”, हर तरह से इनका मतलब तो एक ही होता है लेकिन क्या सच मे हम ये जान पाये है कि आज़ादी होती क्या है...?? क्या रात को बाहर देर रात तक बाहर घूमना आज़ादी है या खुद जो अपना दिल कहे वो करना आज़ादी है? यदि आप ये सोच रहे है तो शायद आप गलत है...क्योकि ये आज़ादी नहीं, आज़ादी तो वो थी जिसने हमे अंग्रेज़ो से लड़ने का हौंसला दिया, आज़ादी तो वह थी जिसको पाने के लिए हर भारतीय के दिल मे विश्वास जागा, वो जज़्बा है आज़ादी जिसके सामने आग के गोले भी ठंडे पड़ते दिखाई दिये।

जिस आज़ादी को पाने के लिए लाखों भारतीय किसी धर्म की परवाह ना करते हुए साथ आए, उस आज़ादी को सलाम। जिसे पाने को हर जंजीर तोड़ दी उस होंसले को सलाम और सलाम उस हर एक शख्स को जो हमारे देश की आज़ादी के लिए लड़ा। जिसे पाने के लिए कोई जात, कोई धर्म राह का रोड़ा ना बना, जिसके बीच मे आने वाली हर मुसीबत होंसला देख कर पीछे हट गयी, उस हर देशभक्त को सलाम, उस आज़ादी को सलाम.....!!!

देश हुआ आज़ाद हमारा, हम भी तो आज़ाद है..

कल तक था अंधकार, लेकिन आज तो उजास है...

वो लाखों बलिदान साथ है, वो गांधी - भगत भी पास है..

देश हुआ आज़ाद हमारा, हम भी तो आज़ाद है...

Related News