राजाजी टाइगर रिजर्व में बढ़ी बाघों की संख्या, सैलानियों में भी हुआ इजाफा

देहरादून: अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड में वन्य जीव भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। प्रदेश के जंगलों में बड़ी संख्या में वन्य जीव विचरण करते रहते हैं, लेकिन बाघों की बढ़ती संख्या की वजह से यहां सैलानी बड़ी संख्या में उनका दीदार करने के लिए आ रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम राजाजी नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व का है। एशियाई हाथियों की इस प्रमुख सैरगाह में बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है।

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यहां बता दें कि राजाजी नेशनल पार्क स्थित टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण को लेकर हुए प्रयासों का नतीजा है कि पिछले साल हुई गणना में यहां बाघों की संख्या में काफी इजाफा दर्ज किया गया है। करीब साढ़े तीन साल पहले रिजर्व के गठन के वक्त यहां केवल 13 बाघ थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 34 से ज्यादा हो गई है। वहीं राजाजी नेशनल पार्क प्रबंधन का अनुमान है कि जिस तरह से यहां बाघों का कुनबा बढ़ रहा है, उससे उम्मीद है कि अगले साल होने वाली बाघों की सार्वजनिक गणना में इनकी संख्या 50 का आंकड़ा पार कर जाएगी।

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गौरतलब है कि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन बताते हैं कि राजाजी रिजर्व में बाघ संरक्षण के मद्देनजर वासस्थल विकास पर खास फोकस किया गया और यह सिलसिला जारी है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पेट्रोलिंग को जीपीएस से जोड़ा गया है और जल्द ही मोबाइल एप के जरिये भी इसके लिए कोशिशें चल रही हैं। रिजर्व से लगे क्षेत्रों के गांवों की पर्यटन गतिविधियों में भागीदारी की गई है। इन प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। इसके अलावा राजाजी नेशनल पार्क प्रबंधन के अनुसार यहां केवल बाघ ही नहीं, बल्कि दूसरे मांसाहारी और शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। यही वजह है कि टाइगर का दीदार करने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ी है। पर्यटक यहां के टाइगर रिजर्व को काफी पसंद कर रहे हैं। ऐसे में जिन उद्देश्यों को लेकर यह रिजर्व बना था, उस पर वह खरा उतरता नजर आ रहा है।

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