अमेरिका में प्रसिद्ध भारतीय डॉक्टर सुरेश गदासल्ली की हत्या

ह्यूस्टन : अमेरिका के प्रसिद्ध भारतीय डॉक्टर सुरेश गदासल्ली जो की हृदय रोग के स्पेशलिस्ट है,उनकी बीते हुए गुरुवार को कारोबारी के सहयोगी, जो की उनके दोस्त भी थे उसने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी, उसके बाद उस दोस्त ने भी खुदखुशी कर ली. सुरेश गदासल्ली 'साइमल्टेनियस हाइब्रिड रीवैस्क्युलराइजेशन' करने वाले दुनिया के पहले डॉक्टर थे. पुलिस के मुताबिक, 53 वर्षीय डॉ. सुरेश गदासल्ली कारोबार के सहयोगी अय्यासामी थंगम ने बीते गुरुवार के दिन हेल्दी हार्ट सेंटर में गोली मारकर हत्या कर दी. उनके दोस्त ने घटना को तब अंजाम दिया जब दोनों ही एक ही कमरे में मौजूद थे. पुलिस के अनुसार घटना के दौरान उस कमरे का दरवाजा पहले ही अंदर से बंद कर लिया गया था, पुलिस हत्या के कुछ संभावित कारणों से सम्बंधित सबूतों का पता लगाने में अभी जुटी हुई है.

कारोबार के सहयोगी

डॉ. सुरेश गदासल्ली और अय्यासामी थंगम दोनों ही बहुत करीबी दोस्त होने के साथ ही बिजनेस पार्टनर भी थे. दोनों दोस्तों के परिवार एक-दूसरे से करीब एक दशक से वाकिफ थे, अमेरिका एफबीआइ ने 2012 में डॉ. गदासल्ली के खिलाफ बिना किसी जानकारी के लेनदेन करने को लेकर नियमों का उल्लंघन करने को लेकर जांच भी कर चुकी है. वैसे, यह मामला 22 जनवरी 2014 को बंद कर दिया गया था.

कर्नाटक के रहवासी

डॉ. सुरेश गदासल्ली भारत देश के कर्नाटक राज्य के निवासी थे.उन्होंने अपनी पढ़ाई बेलगाम के जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज से की थी, इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कोन्सिन मेडिकल स्कूल और मिलवाउकी के सिनाई समैरिटन सेंटर में उन्होंने इंटरनल मेडिसिन और कार्डियोलॉजी (हृदय विज्ञान) की पढ़ाई की.

बेहतरीन डॉक्टर

डॉ. सुरेश गदासल्ली को 1994 में टेक्सास के ओडेसा स्थित मेडिकल सेंटर अस्पताल में नौकरी मिली. इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कॉर्डियोलॉजिस्ट्स ने उन्हें दुनिया के प्रमुख चिकित्सक के रूप में मान्यता दी थी, 2008 में टेक्सास मंथली में उन्हें 'सुपर डॉक्टर' करार दिया था.

अंतिम संस्कार

खबरों के मुताबिक, डॉ. सुरेश गदासल्ली का अंतिम संस्कार बुधवार को ओडेसा में होने की संभावना जताई जा रही है, इस घटना से शहर मानो पूरा गुमसुम हो गया हो, यह शहर लॉरा और जॉर्ज बुश का गृहनगर है और यहां लगभग ढाई लाख लोगो की आबादी रहती है.

साइमल्टेलियस हाइब्रिड रीवैस्कुलराइजेशन

2005 में डॉ. गदासल्ली ने दुनिया का पहला साइमल्टेलियस हाइब्रिड रीवैस्कुलराइजेशन किया था. इसमें दो बड़ी प्रक्रियाएं शामिल थीं, एक प्रक्रिया कोरोनरी धमनी की बाइपास सर्जरी और दूसरी प्रक्रिया स्टेंट बदलने की थी, इन प्रक्रियाओं को दा विंची सर्जिकल सिस्टम नामक रोबोट प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया गया था.

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