यूएन में भारत ने हिंसा को उचित जवाब देने की पैरवी की

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसको कड़ा संदेश देने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि हिंसा को उचित जवाब देने की जरूरत है .ऐसे तत्व अंतरराष्ट्रीय समुदायों की कोशिशों के बावजूद निर्भीक होकर अफगानिस्तान के आतंक प्रभावित क्षेत्रों को प्रभावित कर रहे हैं.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने जोर देकर कहा कि अभी भी ऐसे लोग हैं जो तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आईसआईएस, अल कायदा, लिट और जैश-ए-मोहम्मद के अनैतिक एजेंडे को अपना सहयोगदे रहे हैं.अकबरुद्दीन ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे की चुनौतियों को उठाते हुए उन्होंने अफगानिस्तान और हमारे क्षेत्रों में आतंकियों को मदद करने और सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध करवाने के बारे में चर्चा पर जोर दिया.

गौरतलब है कि अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने हिंसा को एक मजबूत प्रतिक्रिया देने की जरूरत बताई .उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि जो लगातार हिंसा कर रहे हैं उनके प्रति कोई सहिष्णुता नहीं बरती जाएगी. इस मौके पर भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार अधिकारों के उल्लंघन पर जोर दिया.

बता दें कि भारत ने यह प्रतिक्रिया तब दी ,जब परिषद में पाकिस्तान ने जम्मू औऱ कश्मीर में होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठाया.वहीं भारत की दूसरी स्थायी सचिव मिनी देवी कुमन ने भी कहा कि परिषद की इस जगह का गलत इस्तेमाल करना पाकिस्तान की आदत बन चुकी है. वह जम्मू और कश्मीर से जुड़े आंतरिक मामलों की भी भ्रामक जानकारी देता है.

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