काला धन पर वैश्विक सूचना आदान-प्रदान जरूरी : जेटली

वाशिंगटन : भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां काले धन पर रोक लगाने के लिए वैश्विक स्तर पर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था लागू करने को जरूरी बताया। उन्होंने साप्ताहांत में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बसंत बैठक में कहा, "यह सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है कि आपसी आधार पर सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए साझा मानक लागू हो, और जो भी देश 2017 या 2018 की समय सीमा के भीतर ऐसा करने के लिए तैयार न हुए हों, उन्हें जल्द से जल्द इसके लिए तैयार हो जाना चाहिए।" 
जेटली ने कहा कि चूंकि टैक्स हैवेन उन्हीं मामलों में सूचना देने के लिए बाध्य हैं, जिनकी मांग की गई हो, इसलिए कर वंचना और अवैध धन प्रवाह पर सिर्फ खाते की सूचना के मुक्त और विभिन्न देशों द्वारा स्वत: आदान-प्रदान से ही रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक मंच को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर देश साझा रिपोर्टिग मानक लागू करे और उनके पास जरूरी वैधानिक और नियामकीय ढांचा हो तथा व्यावहारिक तौर पर भी वे सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। भारतीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने फरवरी में इस्तांबुल में हुई जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में कहा था कि भारत ने जी-20 देशों द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी दुनिया में सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान को तेजी से लागू करने की वकालत की है। 
गत वर्ष नवंबर में जी-20 देशों के ब्रिस्बेन शिखर सम्मेलन में समूह के नेताओं ने एक नया वैश्विक पारदर्शिता मानक अपनाया था, जिसके तहत 90 से अधिक देश और क्षेत्र 2017-18 तक एक साझा रिपोर्टिग मानक का इस्तेमाल करते हुए कर सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान शुरू कर देंगे। भारत के पास विदेशों में छुपा कर रखे गए देश के काले धन के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, लेकिन अनाधिकारिक अनुमानों के मुताबिक देश का 466 अरब डॉलर से 1,400 अरब डॉलर तक काला धन विदेश में जमा है।

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