आईआईटी मुंबई के 42 शिक्षको ने जेएनयु छात्रों का समर्थन करते हुए कहा की सरकार हमें न सिखाये की राष्ट्रवाद क्या होता है, सरकार छात्रों की अभिव्यक्ति के खिलाफ कार्य कर रही है, उन्होंने कहा की सरकार को देश के लोगो और छात्रों पर राष्ट्रवाद थोपने का कोई अधिकार नहीं है. शिक्षको ने बयान में कहा की सरकार किसी भी व्यक्ति पर देश के लिए और शिक्षण संस्थानों पर जनादेश जारी नहीं कर सकती है. हमारा मानना है की शिक्षण संस्थान अपनी आलोचनात्मक सोच और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए जाने जाते है. इसके बाद भी अगर कोई मुद्दे सामने आ जाते है, तो उन्हें लोकतान्त्रिक और तर्कसंगत सोच से सुलझाना चाहिए ना कि विरोध में कार्रवाई करके हल किया जाये जाना चाहिए. आईआईटी मुंबई संस्थान के 42 शिक्षक के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा है की यह संस्थान की सोच बिलकुल भी नहीं है साथ ही कहा की हाल ही में हुई कई संस्थानों की घटना में सरकार ने जरुरत से ज्यादा दखल देकर विपरीत कारवाई की सरकार को अपनी इस सोच को काबू में कर उचित दिशा में कार्रवाई करना चाहिए न की संस्थानों के कार्यो मे दखल देना चाहिए.