रांची : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के आइजी मुरारी लाल मीणा की तरफ से शुक्रवार को रिनपास में प्रभारी निदेशक की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के मामले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के एडीजी से बात की गयी. आपके बता दें कि मुरारी लाल ने प्रभारी निदेशक के पद पर अमूल रंजन व अन्य की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर आइएएस बीके त्रिपाठी पर धमकी देने के आरोप लगाये थे. मुरारी लाल मीणा के आरोपों के लिए मंत्रिमंडल विभाग के अधिकारी ने उनसे मूल शिकायत पत्र की मांग की है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. आइएएस अधिकारी बीके त्रिपाठी पर आइजी मुरारी लाल द्वारा नियुक्ति में हुई गड़बड़ी को लेकर धमकी देने का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत एसीबी के एडीजी पीआरके नायडू से की गयी थी. इस शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर एडीजी ने सरकार को सोंप दी थी. इस मामले के दौरान आइएएस अधिकारी बीके त्रिपाठी से हुई बातचीत में उन्होंने एसीबी के आइजी मुरारीलाल मीणा काे धमकी देने कि बात से इनकार किया है. उन्हाेंने कहा कि "मेरे खिलाफ मामला है, इसलिए मैंने श्री मीणा से बातचीत की थी आैर उनसे कहा था कि अगर विजिलेंस के पास सबूत है, ताे मैं दिल्ली में हूं, आकर गिरफ्तार करे. मेरी तीन साल नाैकरी है. तीन साल आैर जेल में रह लूंगा." उन्हाेंने आगे कहा "मैंने उनसे कहा था कि मैं आ रहा हूं, शायद इसे ही उन्हाेंने धमकी समझ ली. दरअसल.. मैं शुक्रवार काे अपने वकील से मिलने आया था. श्री मीणा काे धमकी देकर उनका क्या बिगाड़ लूँगा? वह एक अच्छे अफसर हैं. मैंने उनका बताैर कमिश्नर सीआर लिखा था. मेरे सीआर पर ही उन्हें प्राेन्नति मिली थी."