अगर आपने भी किया है इनमे से कोई एक कार्य तो जाओगे नरक

हिन्दू धर्म में कई पुराण उपलब्ध है जिनका अलग-अलग महत्व है और सभी हमें हमारे जीवन के सम्बन्ध में विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ प्रदान करते है इसी श्रंखला में नारद पुराण का भी हमारे जीवन में बहुत महत्व है. नारद पुराण में व्यक्तियों के ऐसे कर्मो का उल्लेख किया गया है जिनको करने से व्यक्ति पाप का भागी बनता है. आइये जानते है नारद पुराण में किन कार्यों को करना पाप माना गया है.

गुरु पत्नी से अवैध सम्बन्ध  गुरु का स्थान हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योकि समाज में अच्छे बुरे का ज्ञान हमें इन्ही से प्राप्त होता है शास्त्रों में गुरु को पिता और गुरु पत्नी को माता का दर्जा दिया गया है. जो व्यक्ति अपने गुरु की पत्नी पर कुदृष्टि डालता है वह ब्रम्हाहत्या जैसा घोर पाप का दोषी होता है. इन व्यक्तियों को मरणोपरांत नरक में दुःख भोगना पड़ता है.

चोरी करना  वह व्यक्ति जो किसी की मेहनत की कमाई को चुराता है या चुराने का प्रयास करता है या किसी व्यक्ति से अनैतिक तरीके से कोई वस्तु छीन लेता है. उस व्यक्ति के पूर्व में किये गए सभी पुण्य समाप्त हो जाते है. उस व्यक्ति का यही पाप उसे दुःख भोगने हेतु विवश करता है.

ब्राम्हण हत्या  वह व्यक्ति जिसने कभी ब्राम्हण की हत्या की है वह ब्रम्हात्य का दोषी होता है क्योकि शास्त्रों के अनुसार ब्राम्हण का जन्म ब्रम्हा जी के मुख से हुआ है और इन्हें सभी से ऊंचा माना जाता है. यह पाप व्यक्ति को उम्रभर भोगना पड़ता है.

बुरे विचार का होना  वह व्यक्ति जिसकी मानसिकता हमेशा दूसरों के विषय में बुरा सोचने की होती है वह भी व्यक्ति पापी की श्रेणी में आता है. क्योकि शिव पुराण में कहा गया है की बुरा करने वाला और बुरा सोचने वाला दोनों ही पापी होते है.

 

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