यदि आप शनि के बुरे प्रभाव से परेसान है तो समाधान के लिए करे इस तरह शनि दान

सभी जानते है कि शनि का बुरा प्रभाव यदि किसी पर आ जाता है तो वह व्यक्ति परेशानियों से ही घिरा रहता है दरअसल शनि का प्रभाव शरीर के अन्दर जमे हुए पदार्थों पर है चर्बी, मोटापा, आलस, सुस्ती ये सब शनि के आधीन हैं. जब किसी का शरीर मोटा हो रहा है, काम के प्रति आलस का भाव जागने लगा है, हर काम अधूरे छूट रहे हैं या टाइम से पूरे नहीं हो रहे हैं, नौकरी के लिए आवेदन किया तो पता लगा की लास्ट डेट निकल गयी है, कहीं किसी के साथ मीटिंग है या कहीं इंटरव्यू देने जाना था और समय पर गाडी नहीं पकड़ पाए. बच्चे को स्कूल छोड़ने में रोज देर हो रही है, तो समझ लो भैया की वास्तव में आप शनि महाराज की लपेट में आ गए हैं इसका पहला सीधा सा लक्षण यह है की जातक सुबह देर से जागने लगता है. ध्यान दें की शनि नैसर्गिक तौर से सूर्य देव के शत्रु हैं, और जब भी किसी के जीवन में शनि का बुरा प्रभाव बदने लगता है तो सबसे पहले वो सुबह देर से जागने लगता है व दिन में भी सोने की आदत उसे लग जाती है. विचारों में जड़ता आने लगती है, समस्याओं के हल नहीं सुझाई देते, दिमाग काम ही नहीं करता, यदि आप के साथ भी यह समस्या है और आप इससे निजात चाहते है तो आपको जल्द ही उपाय करना चाहिए |

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार शनि देव को रावण कि कैद से हनुमान जी ने बचाया था तब शनि देव ने हनुमान जी से कहा था कि आज से जो भी आप की उपासना करेगा, या आपके निकट होगा, मेरे दुष्प्रभाव से वो सदा मुक्त रहेगा अब समय के साथ-साथ शनिवार को सुन्दर कांड का पाठ, तेल का दान, मंदिरों में शनि महाराज को कई किलो तेल से स्नान कराने की प्रथा शुरू हो गयी लेकिन आज लोग कहते है कि में महीनो से ऐसा ही करता आ रहा हु लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं हो रहा और यह बुरे शास्त्रों के हिस्से में आती है |

लेकिन ऐसा नही है सभी को दान कि सलाह दी जाती है. सलाह बिलकुल ठीक है किन्तु तरीका गलत होता है तेल दान का अर्थ है अपने शरीर की जमी चर्बी को पसीने के रूप में गला कर पत्थरों अर्थात जमीन को दान करना. यानि खूब पसीना बहाना. अब पसीना सदा तभी आता है जब आप रक्त को तेजी से संचारित करते हैं, यानि खूब मेहनत करते हैं शरीर में लाल रंग का जो रक्त संचार कर रहा है ये मंगल के अंतर्गत आता है और आप जानते ही हैं की मंगल के प्रमुख हनुमान जी ही हैं यानी आप प्रतिज्ञा ले के अब हर शनिवार आप रुके हुए पुरे कार्य करेंगे बिना आलस्य के, शनिवार को खुद को इतना व्यस्त रखो की रक्त रुपी  मंगल के रूप में हनुमान जी आपके शरीर से खूब पसीना बहा दें .यकीन मानिये १६ (सोलह) शनिवार यह व्रत ठान लीजिये और स्वयं चमत्कार का अनुभव करें. धीरे धीरे हालात स्वयं अनुकूल होते जायेंगे. किसी मांगने वालो को पैसे देने और तेल बहाने से दान नहीं होता वल्कि तेल पर बर्बाद होने वाले उन पैसों को एक गुल्लक में जमा करें और किसी छुट्टी के दिन बच्चों और उनकी मम्मी जी को उन पैसों की रस मलाई खिला कर लायें पिताजी के लिए एक धूप का चश्मा या रुमाल या माता जी लिए भजन की किताब खरीद लें ये भी सुन्दर फल प्रदान करेंगे किन्तु शनि के दान के फलीभूत होने के लिए पहली शर्त सुबह सूर्योदय से पहले जागना है केवल शनिवार नहीं अपितु हर रोज अतः इस प्रकार आप पर शनि का प्रकोप बिल्कुल ख़त्म हो जाएगा 

 

Related News