'अगर भारत जीरो नहीं देता, तो आज दुनिया कहाँ होती..', श्रीलंका के राष्ट्रपति बोले- हम तो इंडिया की कॉपी करेंगे

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि भारत के कारण हिन्द महासागर क्षेत्र में तेज प्रगति होती रहेगी। उन्होंने भारत की डिजिटल पेमेंट में उपलब्धियों की भी तारीफ की। राष्ट्रपति ने भारत में शून्य की खोज का भी जिक्र किया। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे कोलम्बो में आयोजित डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मीट को संबोधित करते हुए कहा कि,  'भारत ने शून्य खोजा, अगर भारत ने दुनिया को शून्य नहीं दिया होता, तो दुनिया आज कहाँ होती। हम उस बात की कॉपी करेंगे जो भारत ने किया है। इससे हमें अपने विकास में 4-5 सालों की बढ़त मिलेगी।'

उल्लेखनीय है कि, यह कार्यक्रम कोलम्बो में स्थित भारतीय दूतावास और श्रीलंका के तकनीक मंत्रालय ने मिल कर आयोजित करवाया है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के सेक्टर में वह आगे बढना चाहते हैं। ऐसे में भारत इसके लिए सर्वश्रेष्ठ सहयोगी होगा। उन्होंने कहा कि वह अपने देश में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रा को बढ़ाने के लिए भारत की सहायता लेंगे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि भारत उनका सहयोग करेगा। भारत की आर्थिक उन्नति को लेकर भी राष्ट्रपति ने बात की। उन्होंने कहा कि, “श्रीलंका को एक अच्छी इकॉनमी बनना होगा। हम उस क्षेत्र में हैं, जो अगले दशकों में उन्नति का केंद्र होगा, यह बदलाव जापान और चीन की ओर से हिन्द महासागर में होगा। भारत इस दौरान तेज रफ़्तार से प्रगति करेगा और श्रीलंका इसके पास में होगा।”

 

राष्ट्रपति ने भारत की तेज आर्थिक प्रगति से लाभ उठाने की बात कही है। उन्होंने श्रीलंका में IIT का नया कैम्पस बनाने के लिए भारत को शुक्रिया कहा और इसे भी सहयोग का एक क्षेत्र करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जब हमें मदद चाहिए थी, तो भारत सबसे अच्छा सहयोगी बनकर सामने आया। भारत का पेमेंट सिस्टम UPI वर्तमान में श्रीलंका में भी चलता है। भारत श्रीलंका को उसका खुद का डिजिटल इन्फ्रा तैयार करने में भी मदद कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि भारत श्रीलंका को आर्थिक मदद से लेकर अन्य कई क्षेत्रों में सहायता कर रहा है। श्रीलंका में 2022 के दौरान भारी आर्थिक संकट आया था जिसके बाद भारत ने 4.8 बिलियन डॉलर (लगभग ₹40,000 करोड़) का ऋण और तेल, राशन तथा दवाइयाँ पड़ोसी मुल्क को दी थी। भारत श्रीलंका को आर्थिक स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन पाने में भी मदद कर रहा है। भारत, आर्थिक संकट के बाद से श्रीलंका को बाहर निकालने में लगा हुआ है।

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