सादगी ही बनी इस सांसद की पहचान

आज के नेतागिरी के इस जमाने में छुटभैये नेता भी अपना रुतबा बताने से बाज़ नहीं आते ऐसे में यदि किसी सांसद की सादगी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो तो ऐसा लगता है ,मानों भरी दोपहरी में किसी पेड़ की छाया मिल गई हो . जी हाँ पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में शामिल वीरेंद्र कुमार ऐसी ही अनोखी शख्सियत है ,जो अपनी सादगी के कारण ही पहचाने जाते हैं .

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि टीकमगढ़ से लगातार छठी बार लोकसभा के लिए चुने गए वीरेन्द्र कुमार सफेद कुर्ता-पायजामा पहनकर आज भी स्कूटर से अपने लोकसभा क्षेत्र में लोगों को मिलने जाते हैं. उनकी यही सादगी उनकी पहचान बन गई है. कई कार्यक्रमों में वह स्कूटर से ही पहुंचते हैं. ताज़ा मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का सामने आया है. यहां बिजावर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए केंद्रीय मंत्री की चप्पल टूट गई तोउन्होंने रास्ते में ही अपनी गाड़ी रोक दी. मंत्री कोई भी दिखावा किए गए बगैर चप्पल सुधारने के लिए गाड़ी से नीचे उतरे और खुद ही खड़े होकर चप्पल सुधरवाई.

बता दें कि 27 फरवरी 1954  को सागर में जन्मे वीरेंद्र कुमार ने 1974 में जेपी आंदोलन में बेहद सक्रिय भूमिका निभाई. वे आपातकाल में मीसा के तहत 16 माह जेल में भी रहे.सागर के गौसेवा संघ से जुड़े वीरेंद्र कुमार  ने 1996 में 11वीं लोकसभा का चुनाव उन्होंने पहली बार जीता था.इससे पहले वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिन्दू परिषद और भारतीय जनता पार्टी में विभिन्न पदों पर रहकर सेवा कर चुके हैं .आपको यकीन नहीं होगा कि वीरेन्द्र कुमार दिल्ली से जब भी टीकमगढ़ आते हैं, तो वह रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के बाद आम आदमी की तरह ऑटो रिक्शा से अपने घर जाते हैं. ऐसी सादगी बिरले ही देखने को मिलती है.

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