'आई कैंडी' बताने पर क्रोध से तिलमिला उठी IAS,कहा ये महिलाओ का अपमान है

हैदराबाद: एक मैगजीन द्वारा आई कैंडी जिसका आशय होता है "आँखों को लुभाने वाली" कहे जाने और एक विवादास्पद कार्टून छापे जाने के बाद तेलंगाना की एक महिला आईएएस अफसर क्रोध से तिलमिला गयी. उन्होंने इस मैगजीन को कानूनी नोटिस भेजा है. आईएएस ने सचेत किया है कि यदि मैगज़ीन ने माफी नहीं माँगी तो इस स्थति में आपराधिक केस दर्ज करवा सकती है. सीनियर आईएएस अफसर स्मिता सबरवाल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि मैगजीन को पूरे देश की महिलाओ से माफ़ी मांगनी चाहिए. उन्होंने ऐसा करने को महिलाओं के अपमान की संज्ञा दी है. वहीं, राज्य सरकार ने भी मैगजीन के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही है. यह आदेश चीफ सेक्रेटरी राजीव शर्मा द्वारा जारी किया गया था.

सबरवाल ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान बोला, ''मैंने 14 वर्षो तक अपनी सेवाए प्रदान की है. लेख से मुझे बहुत आहत हुआ  है. अगर वे ऐसा एक ब्यूरो क्रेट के साथ कर सकते हैं, जो गंभीर काम कर रही है, तो अन्य महिलाएं भी  इस तरह की येलो जर्नलिज्म का शिकार हो सकती हैं. हमे इसे समाप्त करने के लिए एक नयी पहल करनी होगी. मैंने कई जिलों में अफसर के रूप में अपनी सेवाए प्रदान की है लेकिन मेरे साथ कभी भी ऐसा व्यवहार नहीं किया गया है.

क्या है पूरा विवाद 

सीनियर आईएएस अफसर स्मिता सबरवाल को तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर रावहाल के करीबियों में गिना जाता है. स्मिता को ही मैगजीन ने आई कैंडी (आंखों को लुभाने वाली) कह कर सम्बोधित किया गया है. लेख को शीर्षक दिया गया था - 'नो बोरिंग बाबू'. इस लेख के एक अंश में लिखा गया कि हर मीटिंग में शामिल महिला आईएएस अपनी खूबसूरत साड़ियों की वजह से फैशन की दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है और मीटिंग में शामिल लोगों के लिए वे एक आई कैंडी भी है.

वहीं, मैगजीन में छपे कार्टून में आईएएस सबरवाल रॅम्पवॉक करते  हुए नजर आ रही है और सीएम उनकी तस्वीर ले रहे है. कार्टून में ऐसा दिखाया गया है अन्य नेता उन्हें तिरछी निगाहो से देख रहे है. यह कार्टून सबरवाल के हैदराबाद में हुए एक फैशन शो में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से सम्बन्ध रखता है.  इसमें आईएएस अफसर अपने पति के साथ समिल्लित हुई थी.

क्या है मैगज़ीन का स्पष्टीकरण

कार्टून छापने पर मैगजीन ने अपना पक्ष पेश करते हुए कहा" हमने आईएएस अफसर के नाम का जिक्र अपने कार्टून में नहीं किया है.  उधर, राजनीतिक पार्टियों ने भी मैगज़ीन को अपने घेरे में लिया है.  कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ए राजेंद्र रेड्डी ने कहा कि कार्टून के माध्यम से अधिकारी के लुक्स और पहनावे पर टिप्पणी करना गलत है. उन्हें आई कैंडी बताना शोभा नहीं देता है.

जाने कौन हैं सबरवाल 

2001 बैच की आईएएस अफसर स्मिता सबरवाल सीएम कार्यालय में अपनी सेवाए देने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी  है. 1977 में जन्म लेने और दार्जलिंग में निवास करने वाली स्मिता के पिता कर्नल पीके दास ने भारतीय सेना में अपनी सेवाए दी.  सबरवाल ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की. उन्होंने परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था. उन्होंने अपनी पहली सेवा चित्तूर जिले में सब कलेक्टर के रुप में प्रदान की थी.

आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक दशक तक अपनी सेवाए प्रदान करने के बाद वे अप्रैल 2011 में करीमनगर जिले में डीएम के पद पर आसीन हुई.  बच्चों के विकास से सम्बंधित  एक कार्यक्रम को पीएम अवॉर्ड के लिए सबरवाल का नाम मनोनीत किया गया था.  सबरवाल को विकीपीडिया ने  जनता के अफसर के रूप में सम्बोधित किया है. वह सरकारी योजनाओं को लागू करने की दिशा में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने के लिये जानी जाती है.

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