हुस्न ने शोखी से चिलमन

हुस्न ने शोखी से चिलमन उठाई ! फूल खिल गये ,कलियां मुस्कुराई!! जुल्फे लहराई घटा बन के छाई ! बादल घबराये ,हया उऩको आई !! चांद को निहार कर ,चाँदनी शर्मायी ! तारोॆ के झुरमुट ने ,यू ली अंगड़ई !! मौसमे इशक है ,जशने बहार आई ! महबूब ने मेरे , यू बाहै है फलाई !! शऱारती बिजली ने क्यो होश है गवांई ! बादे ,, सबा ,, तूने क्युं चुनरी है लहराई !! सावन कि घटा ले कर ख्वाबो कि परी आई ! खुशबू है बिखऱी ,ईत्र भी बरसाई अदा भाई !!

Related News