पटना : 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाने के दौरान बिहार की पोल खुल गई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में सबसे अधिक मानवाधिकार हनन के मामले पुलिस प्रताड़ना के आए है। दरअसल बिहार राज्य मानवाधिकार हनन आयोग ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की है। जिसमें इस बात का जिक्र है कि राज्य में पुलिस द्वारा सबसे अधिक मानवाधिकार हनन किया जाता है। आयोग की वार्षिक रिपोर्ट की मानें तो इस साल अब तक 1,767 मामले पुलिस प्रताड़ना के दर्ज हुए है। जब कि कुल प्रताड़ना के मामले 5,674 है, इसमें से पुलिस प्रताड़ना के आंकड़े सबसे अधिक है। 2014 में यह आंकड़ा 2,138 था। महिलाओं को डायन बताकर उन पर अत्याचार करने के भी कई मामले सामने आए है। इस संबंध में अब तक 225 मामले दर्ज हुए है। ह्युमन राइट्स कमीशन की सदस्य नीलमणि का कहना है कि 2015 में 5674 मामले आए है, जो कि पिछले पांच साल में 50 गुना बढ़ गया है। इनमें दहेज औऱ यौर प्रताड़ना के भी मामले है।