बजट मे किसान से किये वादे कैसे पुरे होंगे ?

नई दिल्ली : नई दिल्ली : एनडीए सरकार ने किसानों से वादा किया है कि वो 2022 तक आय को दोगुनी करेगी. इसकी झलक गुरुवार को पेश बजट 2018 में दिखी. वित्त मंत्री ने बजट में एलान किया समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना कर दी जाएगी. मगर सरका के सामने बजट 2018  में अपने किये वादों को निभाने में कुछ चुनौतियां भी है. जानिए देश की सरकार और किसान के जीवन की कठिनाइयों के बारे में . 1.आजीविका के लिए कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर 59 फीसद आबादी आश्रित है. 2.खेती की जाने वाली कुल जमीन का रकबा करीब 14.14 करोड़ हेक्टेअर है. 3.  7.32 करोड़ हेक्टेअर वर्षा पर आधारित असिंचित क्षेत्र है. लेकिन देश की दो तिहाई किसान कृषि सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर हैं. 4. चीन के बाद भारत दुनिया का सर्वाधिक सिंचित देश है. 5. 2014-16 के दौरान देश में कृषि जीडीपी वृद्धि दर 3.2 फीसद है. 6. 2017 में देश में उत्पादित अनाज का उत्पादन 27.83 करोड़ टन था. 7 .भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है. दुनिया में कुल उत्पादित दूध का 19 फीसद हिस्सा भारत से आता है. 8. भारत, दुनिया का छठा सबसे बड़ा खाद्य और अनाज का बाजार है. देश का प्रसंस्करण उद्योग वैश्विक खाद्य बाजार का 32 फीसद तैयार करता है. 9. फल उत्पादन में भारत, दुनिया में दूसरे पायदान पर है. 2016-17 में देश में बागवानी उत्पादन में करीब 28 करोड़ टन रहा. 10. देश के कुल निर्यात में कृषि उत्पादों की हिस्से दारी 10 फीसद है. भारत, मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है. 11. 2015 से 2017 के दौरान किसानों को 10.2 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कॉर्ड दिए गए. 12. 2017 से 2019 के लिए 90 लाख कार्ड जारी किये गये हैं. 13. पीएम फसल बीमा योजना में बदलाव बीमा राशि दोगुनी प्रीमियम कम किया गया. 14. बजट की बड़ी बड़ी योजनाओं का लाभ कुछ किसानों को ही मिल पाता है.  15. बजट 2018 की वास्तविक चुनौती उन घोषणाओं को जमीन पर उतारने की है.

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