कैसे करे माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

माँ दुर्गा के दूसरे रूप नाम ब्रह्मचारिणी है, पिछले जनम में इन देवी ने हिमालय के घर जनम लिया था और शिवजी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी. इस तपस्या के कारन इन्हें तत्पशारिणी मतलब ब्रम्ह्चारिणी के नाम से जाना गया.

कठिन तपस्या के कारण देवी का शरीर कमजोर हो गया देवता और ऋषि सभी ने इनके तपस्या की सराहना की और बोले तुम्हारी हर मनोकामना पूरी होगी और शिव जी तुम्हे पति के रूप में ज़रूर प्राप्त होंगे.

दूसरे दिन माँ को चीनी का भोग लगाना चाहिए और ब्रामण को दान में चीनी ही देनी चाहिए. माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना इस मंत्र से करे.

पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

मां का मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

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