कैसे रखे अपने हाइपरएक्टिव बच्चे का ख्याल

आमतौर पर माता-पिता हाइपरएक्टिव बच्चे के स्वभाव को बद्तमीजी मानकर बार-बार दोस्तों और रिश्तेदारों के सामने डांटते-फटकारते रहते हैं. लंबे समय तक ऐसा करना बच्चे की मानसिकता, आत्मविश्वास और दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ उनके व्यवहार पर नकारात्मक असर डालता.

माना कि आपके पास कई तरह की जिम्मेदारियां और तनाव हैं, पर जरूरी होगा कि अपने गुस्से, चिड़चिड़ापन और चिंताओं पर नियंत्रण रखें. खुद को चिंतामुक्त रखने के लिए बाहर घूमना या अन्य मनोरंजन के तरीके ढूंढ़ें. बच्चे को अपनी चिंताओं के लिए दोष न दें. सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास करें. हाइपरएक्टिव बच्चे की हर गतिविधि पर नजर रखना जरूरी है.

नियमित रूप से उसकी स्कूल टीचर से मिलते रहें. इससे बच्चे के व्यवहार को समझने में मदद मिलेगी. टीचर को वजह बताते हुए बच्चे को आगे वाली सीट पर बिठाने का अनुरोध भी कर सकते हैं. यदि बच्चे को ब्लैकबोर्ड पर कुछ लिखने के काम या किताबों को दूसरे बच्चों में वितरित करने में व्यस्त रखा जाए तो उनकी हाइपरएक्टिविटी पर काबू पाया जा सकता है.

हाइपरएक्टिव बच्चों को ज्यादा से ज्यादा खेलकूद और बाहरी एक्टिविटीज में व्यस्त रखना जरूरी होता है. बच्चे को डांस या आर्ट क्लास में भेज सकते हैं. समय-समय पर उन्हें आउटडोर गेम्स खेलने के लिए बाहर ले जाना भी अच्छा है. इससे बच्चे की अतिरिक्त शारीरिक ऊर्जा व्यय होगी और आत्म अभिव्यक्ति व सामाजिक व्यवहार की समझ भी विकसित होगी.

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