मोदी के वॉशिंगटन यात्रा में क्यों दी गई नो सेल्फी की हिदायत ?

वॉशिंगटन : कहते है सेल्फी के जमाने में ऑटोग्राफ कौन लेता है, लेकिन जब पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी संसद में पहुंचे तो तालियों की गड़गड़ाहट भरे अभिवादन के बीच कई लोग उनसे ऑटोग्राफ लेने भी पहुंचे। अब जाकर इसका कारण सामने आया है।

वॉशिंगटन दौरे के दौरान सांसदों और उनके स्टाफों को सख्त हिदायत दी गई थी- नो सेल्फी। मोदी की यात्रा से पहले हाउस प्रोटोकॉल एक्सपर्ट ने यह सलाह जारी करते हुए कहा था कि पहली और सबसे अहम बात- नो सेल्फीज। दौरे पर आए राष्ट्राध्यक्ष के साथ सेल्फी खिंचवाना अनुप्युक्त और अभद्र लगता है।

अपने बॉस को भी ऐसा करने मत दीजिए। इसके साथ एक और सलाह दी गई थी कि राष्ट्रध्यक्ष से हाथ भी तभी मिलाइए, जब वो खुद आपकी ओर हाथ बढ़ाए। बता दें कि पीएम ने अमेरिकी संसद में 4 घंटे बिताए और लगातार चार बैठकों में भी हिस्सा लिया।

हाउस के स्पीकर पॉल रेयान ने मोदी के लिए दोपहर भोज का भई आयोजन किया। इसके अलावा पीएम के सम्मान में सीनेट और हाउस की विदेश संबंध देखने वाली समितियों ने भी कार्यक्रम आयोजित किया। लौटने से पहले पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए भारतीय समुदाय के सदस्यों के पास गए और उनमें से कईयों के साथ हाथ भी मिलाया।

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