Good News : ढाई लाख में मिलेगा घर

CBRI अधिकारी यादवेंद्र पांडे ने बताया की CBRI भारत वासियों को 30 से 40 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल का घर 2 से ढाई लाख रुपये में उपलब्ध कराने की कोशिस कर रही है। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ परिवार को वर्ष 2022 तक देश के शहरी इलाकों में घर उपलब्ध करने का प्रयास है।  CBRI के सभा हल में पांडे जी ने संस्थान की ओर से खोजी गई तकनीकों से बने उत्पाद प्रदर्शित किये। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में ख़राब मैटेरियल बड़ा संकट खड़ा कर सकता है।

इसलिए सरकार ने इसको भर बहार फेकने से मना कर दिया, लेकिन फिर भी लोग इसको ऐसे ही डंप कर देते हैं। उन्होंने कहा कि इसी समस्या से निपटने के लिए CBRI ने वेस्ट यूटिलाइजेशन तकनीक खोजी है। इस मटेरियल का प्रयोग कर उसे फिर से उपयोग करने लायक बनाया जा सकता है। साथ ही इसकी कीमत भी कम हो जाती है। वैज्ञानिक डॉ. एके मिनोचा ने वेस्ट के प्रयोग से बनाई जाने वाली सामग्री की जानकारी दी। साथ ही इसके प्रयोग से पर्यावरण की रक्षा के बारे में भी बताया। डॉ. बीर सिंह ने बताया कि सीबीआरआई ने धान की पुआल और प्लास्टिक से खिड़की और दरवाजे बनाने की तकनीक खोजी है। इससे पेड़-पौधे सुरक्षित रहेंगे। साथ ही इस तकनीक से बने दरवाजे और खिड़कियों को दीमक का खतरा भी नहीं रहेगा।

डॉ. रजनी लखानी ने टाइल्स बनाने में वेस्ट के प्रयोग की जानकारी दी। साथ ही बताया कि CBRI ने तापमान को नियंत्रित रखने वाली टाइल्स भी तैयार की हैं। इससे कमरे का तापमान में करीब आठ से दस डिग्री तक का अंतर आ सकता है। अभी इसपर प्रयोग जारी हैं। डॉ. रजनी लखानी ने बताया की कोटा स्टोन वेस्ट, लाल पत्थर आदि से भी टाइल्स का निर्माण किया जा सकता है।

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