गर्भ नियंत्रण के घरेलू उपाय

अनचाहे गर्भ को रोकने और दूर के लिए चौकस उपायों की जरूरत हैं। जो महिला गर्भधारण करने के लिए तैयार नहीं हैं, उनके लिए यह जरूरी हैं कि वह सुरक्षित गर्भ नियंत्रण उपायों के महत्व को समझें । गर्भ नियंत्रण के लिए कई चिकित्सीय गर्भनिरोधक तकनीक प्रभावी हैं और उसके कई नुकसान भी हैं।

कैसे करे गर्भ नियंत्रण ? प्रसव के दौरान महिलाओं को अनचाहे गर्भधारण से बचना चाहिए क्योंकि इसका असर उनके प्रजनन क्रिया को प्रभावित करता हैं । पहले और दूसरे बच्चे के बीच महिलाओं को तीन साल अंतर रखना चाहिए । ताकि उनके शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके और गर्भधारण के लिए वह बिल्कुल स्वस्थ हो सकें। स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं। अजन्मे बच्चे के अच्छे शारीरिक और मानसिक सवास्थ्य के लिए गर्भ नियंत्रण काफी महत्वपूर्ण हैं। 

भौतिक तरीका कैलेंडर उपाय : कैलेंडर तरीका वह उपाय हैं, जिसमें मासिक धर्म-चक्र को अंकित करके, किस समय अण्डोत्सर्ग होने से गर्भ धारण करने की ज्यादा सम्भावना होती हैं, यह पता लगाया जाता हैं । अनचाहे गर्भ से बचने का यह सबसे सुरक्षित तरीका हैं । कम से कम 12 महिनों के मासिक धर्म-चक्र को अंकित करना चाहिए। सबसे कम दिन की मासिक चक्र की अवधी से 18 दिन घटाएं और लम्बे मासिक चक्र से 11 दिन घटाने पर जो दिन निकलता हैं, वहीं गर्भ घारण करने का सही समय हैं।

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