हॉकी इंडिया ने गुरबाज सिंह पर लगाया नौ महीने का प्रतिबंध

सोमवार को हॉकी इंडिया (एचआई) ने भारतीय हॉकी टीम के सीनियर मिडफील्डर गुरबाज सिंह पर अनुशासन भंग करने और दुर्व्यवहार के कारण नौ महीने का प्रतिबंध लगा दिया. प्रतिबंध की अवधि के दौरान गुरबाज एचआई, एशियाई हॉकी महासंघ (एएचएफ) और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. गुरबाज पर लगे प्रतिबंध की अवधि 10 अगस्त से अगले वर्ष नौ मई तक है. एचआई और हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) की खिलाड़ी विवाद एवं शिकायत निवारण समिति के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान सर्वसम्मति से गुरबाज को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया.

हरबिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई समिति की इस बैठक में कोच ज्यूड फेलिक्स और गुरबाज भी उपस्थित थे. फेलिक्स ने बेल्जियम में हुए हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल्स के बाद तैयार की गई एक रिपोर्ट समिति के सामने रखी, जिसमें पिछले तीन टूर्नामेंट के दौरान गुरबाज के व्यवहार के बारे में भी प्रतिक्रिया दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरबाज ने प्रशिक्षकों और अन्य कोचिंग स्टाफ के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया. वह सिर्फ तत्कालीन मुख्य कोच पॉल वैन ऐस की ही सुनते थे और उनका व्यवहार पेशेवर नहीं था.

साथ ही उन्होंने टीम में गुटबाजी की. इसके अलावा गुरबाज ने राइट मिडफील्डर के अलावा किसी अन्य पोजिशन में खेलने से इनकार कर असंतुष्टि जाहिर की. एचआई ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "समिति ने लंदन ओलम्पिक-2012 की समाप्ति के बाद प्रशिक्षकों, सहायक कर्मियों और अन्य खिलाड़ियों से मिली रिपोर्ट की भी समीक्षा की. गुरबाज एचआई की एक्जिक्यूटिव बोर्ड के समक्ष 30 दिन के भीतर अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को चुनौती दे सकते हैं.

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