7 अप्रैल -विश्व स्वास्थ्य दिवस के साथ जानिए आज का इतिहास

जानिए आखिर क्या कहता हैं 7 अप्रैल का इतिहास और इतिहास में घटित-घटनाएं, जन्म लिए व्यक्ति, विदा लिए महान व्यक्ति, पर्व, उत्सव से जुडी बहुत सी ऐसी बातें, जो हमें कुछ सीख दे जाती है और कहती है कि हमें भी अपने जीवन जीनें का ढंग सीखना चाहिए और जीवन की इस डोर को आगे कैसे ले जाना है, कैसे संघर्ष, और उत्साह के साथ आगे बढ़ना है. तमाम बाते सामने आती है. 

7 अप्रैल की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

1994 – रवांडा के राष्ट्रपति जुवेनल हेव्यारिमाना एवं बुरुंडी के राष्ट्रपति सिप्रियन न्तायमिटा का किगाली हवाई अड्डे पर राकेट हमले में निधन.

1998 – विश्व स्वास्थ्य दिवस को महिला चिकित्सा दिवस के रूप में मनाने का विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा.

2000 – ब्राजील से विश्व के सबसे छोटे अख़बार ‘योर आनर’ का प्रकाशन प्रारम्भ.

2001 – चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका से खेद के बजाय माफी मांगने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका व भारत के मध्य रक्षा सहयोग समझौता, प्रोटोकोल के विपरीत राष्ट्रपति बुश की भारतीय रक्षा मंत्री जसवंत सिंह से भेंट, मंगल ग्रह के लिए नासा का ओडिसी यान रवाना.

2004 – एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में मौत की सज़ा देने में चीन, ईरान व अमेरिका को सबसे आगे बताया गया है. क्वालालंमपुर में म्यांमार दूतावास के शरणार्थियों को आग के हवाले किया.

2006 – बगदाद में बम विस्फोट में 79 लोग मारे गये.

2008 – असम में प्रतिअबंधित उग्रवादी संगठन ‘उल्फा’ ने अपना 30वाँ स्थापना दिवस मनाया. दो दिवसीय भारत-अफ्रीका पहली शिखर बैठक नई दिल्ली में प्ररम्भ.

 7 अप्रैल को जन्मे व्यक्ति

1836 – थॉमस हिल ग्रीन, अंग्रेज़ विज्ञानवादी दार्शनिक, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में ह्वाइट प्रोफेसर थे.

1919 – कश्मीरी लाल ज़ाकिर- पद्मश्री से सम्मानित प्रख्यात उर्दू कवि.

1920 – पंडित रवि शंकर प्रसिद्ध सितार वादक.

1942 – जितेन्द्र भारतीय फ़िल्म अभिनेता

1980 – संजोय दत्त भारतीय अमरीकी कुश्ती खिलाडी़.

 7 अप्रैल  को हुए निधन

2014 – वी. के. मूर्ति, हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफ़र

7 अप्रैल के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

विश्व स्वास्थ्य दिवस

महिला चिकित्सा दिवस

6 अप्रैल का इतिहास-मुमताज़ का निकाह मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के साथ

जानिए 27 मार्च का इतिहास - रंगमंच दिवस के साथ

23 मार्च शहीद दिवस - भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु ने किए थे देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर

 

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