इंदौर : आज शुक्रवार को शहर में धनतेरस उल्लास और उमंग के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जहां बाजार रोशन रहे वहीं शुभता के लिये लोगों ने खरीदी भी की। धनतेरस के दिन ही भगवान धन्वंतरि की भी जयंती का उल्लास बिखरा। श्रद्धालुओं ने जहां भगवान धन्वंतरि से स्वस्थ्य जीवन की कामना की वहीं आयुर्वेद से जुड़े लोगों ने भी पूजन अर्चन के कार्यक्रम आयोजित किये। गौरतलब है कि नेपाल ने 1977 के दौरान भगवान धन्वंतरि पर डाक टिकट जारी किया था। समुद्र मंथन से उत्पन्न हुये थे शास्त्रोक्त मान्यता यह है कि भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से उत्पन्न हुये थे। इन्होंने ही देवताओं को अमृत पान कराकर अमर किया था। आयुर्वेद शास्त्र के जनक भगवान धन्वंतरि से आयु और स्वास्थ्य की कामना करने से निश्चित ही मनोकामना पूर्ण होती है। शास्त्रों में भगवान धन्वंतरि के बारे में कथाओं का उल्लेख मिलता है। धनतेरस के दिन सबसे पहले धन्वंतरि की ही पूजन करने का विधान है, क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य ही व्यक्ति के लिये सबसे बड़ा धन माना गया है। चुंकि भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुये थे इसलिये ही धनतेरस के दिन बर्तन खरीदे जाते है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है।