मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या के मामले में फांसी की सजा

लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप के एक मामले में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। लखनऊ बेंच ने श्रावस्ती के सत्र न्यायलय के उस फैसले को भी सही ठहराया, जिसमें आरोपी को उम्रकैद और हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी। मार्च 2012 में आरोपी ने एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी।

जस्टिस सुरेंद्र विक्रम सिंह राठौर और जस्टिस प्रत्यूष कुमार की बेंच ने कहा कि आरोपी ने जीने का अधिकार खो दिया है। उसके लिए एकमात्र विकल्प मृत्युदंड है। बच्ची के चाचा ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बच्ची के चाचा ने बताया कि गांव का ही छोटकाऊ उनकी भतीजी को शाम को चार बजे नाच दिखाने के बहाने ले गया।

इसके बाद शाम के 6 बजे बच्ची की लाश गन्ने के खेत से मिली। सेशन कोर्ट ने आरोपी को 2014 में ही फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद आरोपी ने मामले को हाइ कोर्ट में चुनौती दी। उसकी दलील थी कि मामले का एक भी चश्मदीद नहीं है। इस पर वकील ने कहा कि आरोपी बच्ची को अपने घर ले गया था, इसकी पुष्टि बच्ची के चाचा ने की है।

इसके बाद वो फरार हो गया, जिससे संदिग्ध आचरण झलकता है। सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि पोस्टमार्टम में भी रेप की पुष्टि हुई है और गला घोंटकर हत्या की बात भी सामने आई है। इस मामले में अपराधी ने बच्ची को अलग करने को लेकर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया।

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