राजे के राज पर नहीं आयी आंच,आलाकमान ने नहीं दी इस्तीफे को मंजूरी

नई दिल्ली : ललित मोदी की मदद के चलते विवादों में आने के कारण मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को दिल्ली का रुख कर लिया. वैसे तो वे दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में समिल्लित होने के लिए गयी है , लेकिन माना जा रहा है कि इस अवसर पर वे पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात कर एक बार फिर अपनी बात कहेगी. राजे के विषय पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दो घंटे लंबी वार्ता कर विचार विमर्श किया. खबर मिली है कि आलाकमान वसुंधरा की सफाई से संतुष्ट है और उनकी कुर्सी भी फिलहाल सुरक्षित है.

वही कांग्रेस राजे के पीछे हाथ धो कर पड़ गयी है. कांग्रेस ने कैंसर फाउंडेशन को लेकर भी मुख्यमंत्री वसुंधरा को घेरे में ले लिया. राजस्थान सरकार और पुर्तगाल के कैम्पेलीमोड फाउंडेशन के करार को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है. इसी फाउंडेशन में ललित मोदी की पत्नी के कैंसर का उपचार किया गया था. कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी का आरोप लगाया है कि वसुंधरा सरकार ने फाउंडेशन के साथ 2 अक्टूबर, 2014 को एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे. सरकार फाउंडेशन को जयपुर में कैंसर अस्पताल के लिए 8.7 एकड़ जमीन देने का करार नीतिगत नही है.

आलाकमान ने नहीं किया राजे का इस्तीफ़ा मंजूर 

मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच हुई बैठक में निश्चित किया गया कि सुषमा और वसुंधरा राजे को सुरक्षित रखा जाएगा. इस्तीफ़ा स्वीकार नही किया जावेगा. इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी प्रधानमंत्री और अमित शाह से मुलाक़ात की थी.

तीन रिटायर्ड न्यायधीश भी घेरे में

आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की सहायता करने वालों की सूची में एक के बाद के नाम सामने आता ही जा रहा है. एक न्यूज चैनल ने मजबूत दावेदारी के साथ कहा कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जज- जस्टिस उमेश सी. बनर्जी, जस्टिस जीवन रेड्डी और जस्टिस एसबी सिन्हा सहित मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर रामदेव त्यागी और पत्रकार प्रभु चावला ने भी ललित मोदी की सहायता  की थी. जस्टिस उमेश सी. बनर्जी ने मोदी को लंदन में निवास के लिए कानूनी सहयोग प्रदान किया था. बनर्जी सुप्रीम कोर्ट से पहले आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर कार्यरत थे. काडेन बोरिस पार्टनर्स नाम की लॉ फर्म के फाउंडर हेमंत बत्रा ने बताया  था कि मोदी ने यूके में निवास के लिए जिन तीन चर्चित लोगों से कानूनी सहायता ली थी, उनमें से एक नाम जस्टिस बनर्जी का भी था.

ललित मोदी ने गांधी परिवार को भी घसीटा मैदान में 

ललित मोदी मदद मामले में शुक्रवार को नया खुलासा हुआ. ललित मोदी के एक ट्वीट से विवाद के घेरे में गांधी परिवार तक आ गया.  मोदी ने ट्वीट में दावेदारी के साथ कहा कि उन्होंने दो बार लंदन में प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा से मुलाक़ात की थी. इससे भाजपा को अपना बचाव करने में सहायता मिलेगी.

हालांकि प्रियंका ने ललित मोदी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा " हमारी कभी कोई मुलाक़ात नहीं हुई.  प्रियंका-राॅबर्ट वाड्रा से मिलने को लेकर ललित मोदी ने दावा किया की भेट  2013 और 2014 में हुई, जब गांधी परिवार के हाथ में सत्ता की कमान थी. प्रियंका और रॉबर्ट से ललित मोदी ने अलग अलग मुलाक़ात की. इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर ललित मोदी की सहायता करने का आरोप है.विपक्ष दोनों के त्यागपत्र की मांग उठा रही है.

Related News