नई दिल्ली: ‘जेननोवा’ ने कोरोना वायरस के पहले मैसेंजर RNA आधारित संभावित वैक्सीन HGCO 19 के क्लिनिकल ट्रायल के लिए वॉलेंटियर्स का नामांकन आरंभ कर दिया है. वैक्सीन को विकसित करने के लिए निधि देने वाले बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी है. विभाग ने कहा कि उसने भारत के अनोखे MRNA आधारित कोविड-19 वैक्सीन, ‘एचजीसीओ19’ के क्लिनिकल ट्रायलों के लिए अधिक फंड को स्वीकृति दी है. इस वैक्सीन को पुणे स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी जेननोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड बना रही है. यह फंड DBT के ‘मिशन कोविड सुरक्षा’ के तहत दिया गया है. DBT का सरकारी विभाग जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) इसका क्रियान्वयन कर रहा है. DBT ने कहा है कि, “डीबीटी ने शुरु से ही जेननोवा को समर्थन दिया है और एचजीसीओ19 के विकास के लिए फंड देकर उसके MRNA आधारित वैक्सीन निर्माण के प्लेटफॉर्म की स्थापना के लिए मदद दी है. जेननोवा ने अमेरिका के HDT बायोटेक कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर कोरोना वायरस MRNA वैक्सीन- एचजीसीओ19 विकसित किया है.” यह कदम भारत के लिए बेहतर साबित हो सकता है, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ ही कोरोना वैक्सीन की कमी संबंधी राज्यों की चिंताओं को दूर कर वैश्विक महामारी से लड़ने में देश को एक और विकल्प मुहैया करा सकता है. सीमेंस हेल्थकेयर ने विवेक कनाडे को प्रबंध निदेशक के रूप में किया नियुक्त पेट्रोल, डीजल की कीमत में संशोधन के बाद 2 सप्ताह तक स्थिर रखा गया मूल्य बाजार: आज होगी इन स्टॉक पर नज़र