प्रधान सेवक के 180 दिन: जनता से ताकत, अपनों से आफत

आज बाबरी मस्जिद की बरसी पर बीजेपी हर बार की तरह राम मंदिर को याद न कर संविधान निर्माता और दलितों के उद्धारक डॉ भीम राव अंबेडकर को याद कर रही है! वहीं ये भी सर्वविदित है कि नरेंद्र मोदी कट्टरवादी हिन्दू छवि को तोड़ते हुए सबका साथ सबका विकास की राजनीति के बल पर केंद्र की सत्ता में काबिज हुए हैं! मोदी पर देशवासियों का विश्वास बढ़ा है वहीं मध्य प्रदेश के नगरीय चुनाव में भी बीजेपी ने सब सीटों पर जीत हासिल की और सबसे ज्यादा वोट उसे मुस्लिम बहुल इलाके से मिले! वहीं बाबरी मस्जिद के वादी हाशिम अंसारी ने भी राम लला को आजाद करवाने की अपनी मंशा साफ जाहिर कर दी है!

 
इससे साफ होता है कि मुस्लिम समुदाय भी मोदी को स्वीकार रहा है! मुस्लिम समुदाय का हृदय परिवर्तन हो रहा है लेकिन वहीं मोदी के मंत्री और संघ के कुछ संगठन मोदी के केंद्र में आने के बाद एक के बाद एक सांप्रदायिक बयान दे रहे हैं जो मोदी सरकार की हिन्दुत्ववादी छवि को फिर कटघरे में ला खड़ा कर रहे हैं.......मोदी के केंद्र में आने के बाद पिछले छह महीनों में मोदी के कई मंत्रियों ने सांप्रदायिकता बढ़ाने वाले विवादित बयान दिये!
 
जुलाई में गोवा के सहकारिता मंत्री दीपक धवलीकर ने मोदी को कट्टरवादी हिन्दू नेता बताते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को हिंदू राष्ट्र में बदल देंगे! उसके बाद गोवा के डिप्टीा सीएम फ्रांसिस डिसूजा भी भारत में रहने वाले सभी लोगों को हिन्दू करार दिया था! अगस्त में  केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने भी भारत में रहने वाले सभी लोगों को हिन्दू करार दिया था! वहीं बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ कई बार मुस्लिम विरोधी और हिंदुत्ववादी बयान दे चुके हैं! हाल ही में केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योतिने भी भारत में सभी को हिन्दू करार दिया! वहीं ये भी कहा जाता है कि मोदी सरकार बीजेपी की मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारों पर चल रही है! और संघ और संघ की विभिन्न शाखाओं से भी हिन्दुत्व छवि को मुखर करने की आवाज आ रही है! संघ प्रमुख मोहन भागवत हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोग हिन्दू कहलाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं संघ की ही शाखा विश्व हिन्दू परिषद के सर्वोच्च नेता अशोक सिंघल ने भी कहा कि दिल्ली में 800 साल बाद स्वाभिमानी हिन्दुओं की सरकार बनी है! यहाँ तक कि वरिष्ठ नेता सिंघल ये भी कहने से नहीं चूके कि केंद्र में ऐसी सरकार आ गई है, जो हिंदू स्वाभिमान में विश्वास करती है।
 
गौरतलब है, मोदी ने दिल्ली के सिंहासन पर काबिज होने के तुरंत बाद ही अपने सांसदों, मंत्रियों की क्लास ली थी और सभी को संयमित भाषा में बोलने की सख्त हिदायत दी थी लेकिन उसके बावजूद भी मोदी के मंत्री एक के बाद एक विवादित बयान दे रहे हैं तो सवाल उठता है मोदी की फटकार का नेताओं पर असर क्यों नहीं हो रहा है? इस पर मप्र कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा ने कहा कि मोदी का रिमोट संघ के हाथों में है! वे एक जहरीली विचारधारा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं! मोदी और उनके अधीनत्व मंत्री एक सोची समझी सुविचारित और सुनियोजित राजनीति के तहत काम कर रहे हैं! जिनकी विचारधारा ही जहरीली हो उनसे विकास और सकारात्मक विचारों का आदान प्रदान एक राजनीतिक मज़ाक दिखाई देता है!
 

मिश्रा ने कहा कि बीजेपी मर्यादा पुरुषोत्तम राम का नाम लेकर अपनी राजनीतिक शक्ति बढ़ाने में लगी हुई है! राम मुद्दा भाजापा की राजनीतिक सुख-सुविधा और व्यापार का माध्यम है! उन्हें मंदिर से कोई सरोकार नहीं है! मिश्रा ने मोदी के विदेशी दौरों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी विदेशों में अपनी छवि चमकाने में लगे हुए हैं! उन्हें देश हित से कोई सरोकार नहीं है! वहीं साध्वी निरंजन के विवादित बयान पर मिश्रा ने कहा कि साध्वी जी को इस्तीफा देना चाहिए लेकिन बीजेपी उन्हें दलित कहकर जातिगत अवधारणा प्रस्तुत कर रही है! भले ही वे दलित हैं लेकिन उसके पहले वे एक मंत्री हैं और अपराध तो उन्होने किया है इसलिए सजा भी मिलना चाहिए!         

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