सूर्य पूजा से रहे निरोगी

पहले सूर्य पूजा को सिर्फ़ एक धार्मिक अनुष्ठान माना जाता था. पर अब इसे वैज्ञानिक पुष्टि मिलती जा रही है . जहां सूर्य की किरणें पहुंचती हैं, वहां रोग के कीटाणु स्वत: मर जाते हैं और रोगों का जन्म ही नहीं हो पाता. सूर्य अपनी किरणों द्वारा अनेक प्रकार के आवश्यक तत्वों की वर्षा करता है और उन तत्वों को शरीर में ग्रहण करने से असाध्य रोग भी दूर हो जाते हैं. 

आजकल जो बच्चे पैदा होते ही पीलिया रोग के शिकार हो जाते हैं उन्हें सूर्योदय के समय सूर्य किरणों में लिटाया जाता है जिससे अल्ट्रा-वायलेट किरणों  के सम्पर्क में आने से उनके शरीर के पिगमेन्ट सेल्स पर रासायनिक प्रतिक्रिया  प्रारम्भ हो जाती है और बीमारी में लाभ होता है. सूर्य की रोशनी में सात रंग शामिल हैं .. और इन सब रंगो के अपने अपने गुण और लाभ है.

हरा रंग  :  यह स्नायुरोग, नाडी संस्थान के रोग, लिवर के रोग, श्वास रोग आदि को दूर करने में सहायक है.

लाल रंग  :  यह ज्वार, दमा, खाँसी, मलेरिया, सर्दी, ज़ुकाम, सिर दर्द और पेट के विकार आदि में लाभ कारक है.

नीला रंग  :  दाह, अपच, मधुमेह आदि में लाभकारी है.

पीला रंग  :   चोट ,घाव रक्तस्राव, उच्च रक्तचाप, दिल के रोग, अतिसार आदि में फ़ायदा करता है.

आसमानी रंग  :  स्नायु रोग, यौनरोग, सरदर्द, सर्दी- जुकाम आदि में सहायक है.

नारंगी रंग  :  वात रोग . अम्लपित्त, अनिद्रा, कान के रोग दूर करता है.

बैंगनी रंग  :   श्वास रोग, सर्दी, खाँसी, मिर् गी ..दाँतो के रोग में सहायक है.

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