दही खाये.. सेहत बनाये !!

दूध के बाद भारत में सबसे अधिक अगर किसी पदार्थ का उपयोग होता है तो वो दही है | दही का महत्त्व भारतीय संस्कृति में इतना है की इसे पंचामृत में से एक का स्थान दिया गया है | पंचामृत  दूध, दही, घी, गौमूत्र, और शहद  इन पांचो के समुच्चय को  पंचामृत कहते है | दही को भारतीय खाद्य पराम्परा र ने क्यों उत्तम माना है आइये जाने |

दही सेवन के लाभ :- 

1  दही के नियमित सेवन से आंतों के रोग और पेट की बीमारियां नहीं होती, तथा कई प्रकार के विटामिन बनने लगते हैं। दही में जो बैक्टीरिया होते हैं, वे लेक्टेज बैक्टीरिया उत्पन्न करते हैं। 2  यदि आपको मोटापा है तो मोटापा कम करने के लिए दही एक प्रभावशाली उपाय है। 3  दही में हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की अद्भुत क्षमता होती है। यह हमारे रक्त में बनने वाले कोलेस्ट्रोल नामक घातक पदार्थ को बढ़ने से रोकता है, जिससे वह नसों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित नहीं  कर पाता और हार्टबीट सही बनी रहती है। 4 दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो हमारे शरीर में हड्डियों का विकास करती है और उन्हें मजबूती प्रदान करती है। दांतों एवं नाखूनों की मजबूती एवं मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी दही सहायक होती है। 5  यदि पेट में गड़बड़ हो, पतले दस्त हों तो दही के साथ ईसबगोल की भूसी लेने से आराम मिलता है। 

6  दही के साथ चावल खाना भी लाभप्रद होता है। 7  बवासीर के रोगियों को चाहिए कि दोपहर में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में अजवायन डालकर पीएं। 8 पेट के रोगियों को चाहिए कि ज्वार की रोटी के साथ दही लें। दही का सेवन भुने हुए जीरे व सेंधा नमक के साथ करें। 9  दही में शहद मिलाकर चटाने से छोटे बच्चों के दांत आसानी से निकलते हैं। 10  मुंह के छालों में दही कम करने के लिए दिन में कई बार दही की मलाई लगाएं। इसके अलावा शहद व दही की समान मात्रा मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले भी दूर हो जाते हैं। 11 गर्मी के मौसम में दही की छाछ या लस्सी बनाकर पीने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है। इसे पीकर बाहर निकलें तो लू लगने का डर भी नहीं रहता है। 12  दुबले व्यक्तियों को चाहिए कि दही में किशमिश, बादाम, छुहारा आदि मिलाकर पीएं। इससे वजन बढ़ता है। 13  दही में नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गर्दन, कोहनी, एड़ी, हाथों पर लगाएं। कुछ देर बाद कुनकुने पानी से धो डालें। 14  अगर गर्दन के पिछले भाग में कालापन जमा हो गया है नहाते समय गर्दन पर खट्टी दही से मालिश करें और धो लें। एक-दो सप्ताह के नियमित प्रयोग से कालापन कम हो जायेगा।

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