घड़े का पानी स्वस्थ के लिहाज से अमृत होता है, लेकिन इसे ऐसे ही अमृत नहीं बोलते, बल्कि वास्तव मे घड़े का पानी सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद है, इसके फायदों को जानकर घड़े का पानी पीना शुरू कर दे। मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है नियमित रूप से घड़े का पानी पिने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने मे मदद मिलती है। प्लास्टिक की बोतल मे पानी स्टोर करने से, उसमे प्लास्टिक से अशुद्धियाँ इक्कठी हो जाती है और वह पानी को अशुद्ध कर देता है। साथ ही यह भी पाया गया है कि घड़े मे पानी स्टोर करने से शरीर मे टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है। पानी मे PH का संतुलन घड़े मे पानी पिने का एक और लाभ यह भी है कि इसमें मिट्टी मे क्षारीय गुण विध्यमान होते है। क्षारीय पानी की अम्लता के साथ प्रभावित होकर, उचित PH संतुलन प्रदान करता है। इस पानी को पिने से एसिडिटी मे लगाम लगती है और पेट के दर्द मे राहत मिलती हैं। गले को ठीक रखे आमतौर पर हमे गर्मियों मे ठंडा पानी पिने की तलब होती है और हम फ्रीज से ठंडा पानी ले कर पीते है। ठंडा पानी हम पी तो लेते है, लेकिन बहुत ज्यादा ठंडा होने के कारण यह गले और शरीर के अंगो को एक दम से ठंडा कर शरीर पर बुरा प्रभावित करता है। गले की कोशिकाओं का ताप अचानक गिर जाता है, जिस कारण बहुत सी समस्या उत्पन्न होती है। गले का पकने और ग्रंथियों मे सूजन आने लगती है और शुरू होता है शरीर की क्रियाओं का बिगड़ना, जब्कि घड़े का पानी गले पर लाभकारी प्रभाव देता है। गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद गर्भवती (प्रेगनेंसी) को फ्रीज मे रखे, बेहद ठन्डे पानी को पिने की सलाह नहीं दी जाती है। उनसे कहा जाता है कि वह घड़े या सुराही का पानी ही पिए। इनमे रखा पानी न सिर्फ उनकी सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि पानी मे मिट्टी का सोंधापन बस जाने के कारण गर्भवती को बहुत अच्छा लगता है। वात को नियंत्रित करे गर्मियों मे लोग फ्रीज का या बर्फ का पानी पीते है, इसकी तासीर गर्म होती है। यह वात भी बढ़ता है। बर्फीला पानी पिने से कब्ज हो जाती है तथा अक्सर गला ख़राब हो जाता है। मटके का पानी बहुत अधिक ठंडा न होने से वात नहीं बढ़ता, इसका पानी संतुष्टि देता है। विषैले पदार्थ सोखने की शक्ति मिट्टी मे शुद्धि करने का गुण होता है। यह सभी विषैले पदार्थ सोख लेती है तथा पानी मे सभी जरुरी सूक्ष्म पोषक तत्त्व मिलती है। इसमें पानी सही तापमान पर रहता है, न बिल्कुल अधिक ठंडा न गर्म।