सरकार के शक्ति परीक्षण पर HC ने लगाई रोक

देहरादून : उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने विधानसभा में आज होने वाले शक्ति परीक्षण पर रोक लगा दी। इस आदेश के तहत यह कहा गया कि सरकार को शक्ति परीक्षण की अनुमति नहीं दी जाती है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को किए जाने के आदेश दिए गए हैं। दरअसल राज्य में केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। जिसे मुख्यमंत्री हरीश रावत की रीट याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई थी।

इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की अध्यक्षता में कार्यरत खंडपीठ ने सुनवाई के लिए 6 अप्रैल का दिन निर्धारित कर दिया। यह निर्णय एकल न्यायाधीश यूसी ध्यानी के आदेश के विरूद्ध दिया गया है।

दरअसल न्यायमूर्ति ध्यानी ने जो आदेश दिया था उस पर रोक लगाई गई। .विधानसभा में आज शक्ति परीक्षण होना था लेकिन अगली कार्रवाई होने तक इस पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई सभी पक्षों में सहमति होने के मद्देनज़र 6 अप्रैल तक रोकी जा रही है। इसलिए चुनौती के आदेश को 7 अप्रैल तक के लिए निलंबित ही रखा जाए।

उल्लेखनीय है कि सदन में विश्वासमत 28 मार्च को सिद्ध किया जाना था। मगर केंद्र ने राज्य में संवैधानिक तंत्र के नाकाम होने का उल्लेख करते हुए 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगा दिया लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 31 मार्च को शक्ति परीक्षण किए जाने की बात कही और रिट याचिका अदालत में दायर कर दी।

जिस पर एकल न्यायाधीश ध्यानी ने शक्ति परीक्षण का आदेश दिया लेकिन सरकार की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल ने पक्ष रखा और फिर रीट याचिका के मामले में 6 अप्रैल तक रोक लगा दी गई। 

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